मप्र में एमएसएमई में 40 फीसदी तक का अनुदान : शिवराज
भोपाल, 17 नवंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज से दो दिवसीय सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम (एमएसएमई) स्व-रोजगार सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निवेशकों के लिए सौगातों की बरसात की।
उन्होंने संयंत्रों और मशीनरी में किए गए निवेश पर 40 प्रतिशत का अनुदान देने का ऐलान किया। इस मौके पर केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री गिरिराज सिंह भी उपस्थित थे। चौहान ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों को संयंत्र एवं मशीनरी में किए गए निवेश पर पांच समान वार्षिक किस्तों पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। एमएसएमई इकाइयों को प्रत्येक कर्मचारी के लिए अधिकतम एक हजार रुपये नियोक्ता के अंश के रूप में सीपीएफ में जमा करने में भी सरकार सहयोग करेगी। कम से कम दस नियमित कर्मचारियों के लिए पांच वर्षो तक पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
गिरिराज सिंह ने इस मौके पर कहा कि मध्य प्रदेश के नवाचारों से अन्य प्रदेश भी सीख ले रहे हैं। राज्य ने कृषि के क्षेत्र में अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है। कृषि में लगातार पांच सालों से बीस प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखना बड़ी सफलता है।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योंगों में कम पूंजी में ज्यादा रोजगार पैदा होता है। केंद्र सरकार के प्रयासों से प्रतिवर्ष दस करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। उद्यमियों की भुगतान संबंधी और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिए ‘एमएसएमई समाधान’ व्यवस्था की गई है। अब उनके श्रम और समय की बचत होगी और इससे आसानी से समस्याओं का समाधान मिल जाएगा।
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री संजय सत्येंद्र पाठक ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद नए संदर्भो में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लागू की गई है। प्रदेश के पांच लाख युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ा गया है।
इस मौके पर भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के सचिव अरुण कुमार पांडा, राज्य के प्रमुख सचिव वी.एल. कांता राव ने योजनाओं की जानकारी दी।
चौहान ने इस मौके पर घोषणा की कि एमएसएमई ईकाई के उत्पाद की गुणवत्ता प्रमाणित करने और पेटेंट पंजीकरण के लिए व्यय की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जाएगी। ऐसे पावरलूमों, जिनको रियायती दर पर विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है, उनकी पात्रता सीमा 25 हार्सपवर से बढ़ाकर 150 हार्सपावर की गई है।
चौहान ने कहा कि निजी औद्योगिक क्षेत्र तथा निजी बहुमंजिला औद्योगिक परिसरों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए दो करोड़ रुपये तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मध्यम श्रेणी के उद्यमों को अविकसित शासकीय भूमि आवंटित करने के लिए नियमों में प्रावधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने ऐलान किया कि अब प्रत्येक जिले में लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड भी स्थापित किया जाएगा। राज्यस्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड में पांच प्रमुख विभागों को स्थायी सदस्यता दी जाएगी। बीमार लघु उद्योगों की पहचान कर उनके पुनर्जीवन के लिए बैंकों के साथ समन्वय कर एक सकल पुनर्जीवन पैकेज तैयार किया जाएगा।