मप्र में गोडसे की प्रतिमा के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन शुक्रवार को
भोपाल, 16 नवंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हिंदू महासभा कार्यालय में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित किए जाने से राज्य की सियासत में तनातनी का माहौल है। विपक्षी कांग्रेस ने इसके विरोध में शुक्रवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। कांग्रेस के नेता गांधी प्रतिमा के समक्ष मौन धरना देंगे। राजधानी भोपाल में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हबीबगंज पहुंचकर प्रदर्शन किया। साथ ही हिंदू महासभा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। यहां पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि हिंदू महासभा को सरकार का संरक्षण हासिल है। कांग्रेस की मांग है कि हिंदू महासभा पर प्रतिबंध लगाया जाए और राष्ट्रपिता के हत्यारे की प्रतिमा स्थापित करने वालों पर ‘राष्ट्रद्रोह’ का मामला दर्ज किया जाए।
ग्वालियर में बुधवार को हिंदू महासभा के कार्यालय में गोडसे की प्रतिमा स्थापित किए जाने के साथ मंदिर बनाने का संकल्प भी लिया गया था। महासभा के नेता डॉ. जयवीर सिंह भारद्वाज ने गोडसे को ‘देशभक्त’ करार देते हुए कहा था कि इस प्रतिमा की नियमित पूजा होगी और हर मंगलवार को विशेष आरती की जाएगी।
गोडसे की प्रतिमा स्थापित किए जाने के विरोध में कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन का फैसला लिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, प्रदेश में गोडसे की प्रतिमा स्थापित होना और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चुप्पी साधना कई सवाल खड़े करती है। कांग्रेस नेता शुक्रवार को पूरे प्रदेश में गांधी प्रतिमा के समक्ष बैठकर मौन धरना देंगे और गांधीवादी तरीके से विरोध दर्ज कराएंगे। जिला स्तर पर होने वाले इस आयोजन के बाद राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में साजिशन गांधी जी की प्रतिमा को जलाया जा रहा है और गोडसे की प्रतिमा स्थापित हो रही है। भाजपा सरकार महात्मा गांधी को अपमानित करने का ‘सुनियोजित प्रयास’ कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर मुरैना जिले के जौरा में गांधी की प्रतिमा को जलाया गया और पूरी सरकार मौन रही। वहीं दूसरी ओर, इसी सरकार की विधारधारा वाली हिंदू महासभा द्वारा ग्वालियर में बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित की गई। इस पर सरकार की चुप्पी बताती है कि यह जानबूझकर सोची-समझी षड्यंत्र का हिस्सा है।
वहीं भाजपा और सरकार से जुड़े लोग इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। बस यही कह रहे हैं कि वह संगठन अलग है और उसकी अपनी विचारधारा है।
जहां तक विचारधारा का सवाल है, याद रहे कि जब खादी के कैलेंडर से गांधी की तस्वीर हटाई गई थी, तो भाजपा नेता और हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा था कि ‘धीरे-धीरे नोटों से भी गांधी की तस्वीर हटाई जाएगी।’ वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने संसद की सीढ़ी पर मीडिया से कहा था, गोडसे हमारे लिए पूजनीय हैं।