केरल : थॉमस चांडी का मंत्री पद से इस्तीफा
तिरुवनंतपुरम, 15 नवंबर (आईएएनएस)| केरल के परिवहन मंत्री थॉमस चांडी ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को सौंप दिया है जिसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। चांडी जमीन हड़पने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इस्तीफा सौंपने के बाद सचिवालय के बाहर मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( एनसीपी) नेता टी.पी. पीतांबरन ने कहा कि इस्तीफा पत्र विजयन को सौंप दिया गया है।
चांडी के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह (चांडी) गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और यह निर्णय लिया गया है कि इस्तीफे के बाद कैबिनेट में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की खाली हुई सीट अभी रिक्त ही छोड़ी जाए।
अपने कार्यालय से निकलने के दौरान विजयन ने कहा, चांडी के इस्तीफे को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विजयन सरकार को जोरदार झटका देते हुए चांडी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अलाप्पुझा कलेक्टर की रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की थी। कलेक्टर ने चांडी पर उस जमीन को हड़पने का आरोप लगाया था जिसपर चांडी का रिसोर्ट बना हुआ है।
चांडी सप्ताहिक कैबिनेट बैठक में मौजूद थे और एनसीपी शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक के लिए निकलते वक्त उन्होंने मीडिया को बताया था कि वह पद नहीं छोड़ रहे हैं।
चांडी एनसीपी के कार्यवाहक अध्यक्ष पीतांबरम के साथ बुधवार सुबह विजयन के आवास पर पहुंचे और करीब 40 मिनट तक मुद्दे पर चर्चा की।
चांडी अलाप्पुझा जिले के कुट्टानद का तीसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
कुवैत में एक व्यापारिक साम्राज्य के साथ उन्होंने पहली बार डेमोक्रेटिक इंदिरा कांग्रेस (डीआईसी) के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता करुणाकरन ने 2005 में यह पार्टी बनाई थी।
केरल विधानसभा चुनाव 2006 में डीआईसी, कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ की सहयोगी थी। चुनाव के बाद डीआईसी का एनसीपी में विलय हो गया।
चांडी अपनी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी ए. के. ससींद्रन के इस्तीफे के बाद मंत्री बने थे। ससींद्रन पर अनैतिक व्यवहार के आरोप लगे थे जिसके बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था।
केरल सरकार में 18 महीनों की भीतर पद छोड़ने वाले चांडी तीसरे मंत्री हैं। केरल सरकार में पिछले साल उद्योग मंत्री ई.पी. जयाराजन ने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद इस साल मार्च में ससींद्रन ने भी इस्तीपा दे दिया था।