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छत्तीसगढ़ के आईएएस ने फिर उठाए न्याय व्यवस्था पर सवाल

रायपुर, 12 नवंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। लगता है विवादों और एलेक्स पॉल मेनन का चोली-दामन का साथ है। तभी तो उन्होंने अपने ट्विटर और फेसबुक एकाउंट पर एकबार फिर विवादास्पद टिप्पणी पोस्ट की है।

एक वेबसाइट पर छपी एक खबर का हवाला देते हुए उन्होंने लिखा है – आरुषि तलवार, हेमराज मर्डर केस इस बात का सटीक उदाहरण है कि क्यों न्यायपालिका में सुधार की आवश्यकता है। 2008 की चर्चित मर्डर मिस्ट्री मामले के मुख्य आरोपी राजेश तलवार और नूपुर तलवार को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बरी कर दिया। इसके बाद इसे लेकर लोग पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के कामकाज पर भी सवाल उठाने लगे हैं। (22:29)
चिप्स के सीईओ मेनन ने सोशल मीडिया को एक बार फिर ऐसे विवाद का माध्यम बनाया है। इससे पूर्व भी वे ऐसे मामलों को सोशल मीडिया फोरम में उठाते रहे हैं।

18 जून को मेनन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा था- कोर्ट द्वारा फांसी की सजा 94 फीसदी दलितों-मुस्लिमों को दिया जाना क्या न्यायिक व्यवस्था का पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं दिखाता?

उनके इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी, एक विवाद खड़ा कर दिया। लोग कहने लगे कि क्या आईएएस मेनन भारतीय न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं?

छत्तीसगढ़ के सामान्य प्रशासन विभाग की तत्कालीन सचिव निधि चिब्बर ने इस पर कहा था कि किसी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा फेसबुक के जरिए न्यायिक तंत्र पर सवाल पूछना नियमों का उल्लंघन करना है। राज्य सरकार ने मामले को बहुत गंभीरता से लिया और मेनन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस जारी कर उनसे यह भी पूछा गया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।

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