पेट्रोलियम उत्पाद, रियल एस्टेट जीएसटी के अधीन हो : कांग्रेस
नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शुक्रवार को पेट्रोलियम उत्पादों, रियल एस्टेट और बिजली को वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) के अधीन लाने की मांग की। पार्टी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गब्बर सिंह टैक्स पूरी तरह से उनके अमीर दोस्तों की मदद और लाखों छोटो व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए है।
राहुल गांधी जीएसटी को मजाकिया लहजे में ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहकर संबोधित करते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिह सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर कहा, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार बनाए गए दबाव की वजह से जीएसटी परिषद और भाजपा को रोजमर्रा के वस्तुओं पर कर दर घटाना पड़ा। राजनीतिक अनिश्चितता और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन से मोदी सरकार पूरी तरह घबरा गई और आंशिक रूप से पीछे हट गई।
उन्होंने कहा, लेकिन भारत के लोग खासकर दुकानदार, व्यापारी और छोटे, सूक्ष्म एवं मझोले उद्योग के लोगों ने असंतुलित तरीके से लागू किए गए मोदी जी के गब्बर सिंह टैक्स के प्रति नाराजगी दिखाई।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जीएसटी के अधिकतम कर दायरे को 18 प्रतिशत तक करने की मांग की है।
उन्होंने कहा, अगर आप बिजली, पेट्रोलियम और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखते हो तो राजस्व का 50 प्रतिशत जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगा। इसका मतलब है मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स के लिए राजकोष में सालान 2,67,000 करोड़ रुपये देना जारी रख सकती है।