हिमाचल प्रदेश में रिकार्ड 74 फीसदी मतदान
शिमला, 9 नवंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पंजीकृत 50.25 लाख मतादाताओं में से रिकॉर्ड 74 फीसदी से ज्यादा मतादाताओं ने गुरुवार को अपने मत का प्रयोग किया।
इसके बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच की सीधी टक्कर में दोनों पार्टियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। निर्वाचन आयोग के महानिदेशक दिलीप शर्मा ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, वोटिंग का प्रतिशत और भी ऊपर जाने की संभावना है। यह विधानसभा चुनावों में पहाड़ी राज्य द्वारा दर्ज किया गया सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है।
निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण रहा और 68 सीटों पर किसी तरह की कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई।
कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों में खराबी की खबरें आई थीं, जिस कारण इन केंद्रों पर आधिकारिक तौर पर शाम पांच बजे मतदान बंद होने की समयसीमा के बाद भी मतदान जारी रहा।
राज्य भर में एक ही चरण में हो रहे चुनाव में ठंड के बावजूद मतदाता सुबह आठ बजे से पहले ही मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे थे। बाद में पहुंचे मतदाताओं ने कई इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी के बीच वोट डाला।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में हल्की गड़बड़ियों के बावजूद चुनाव प्रक्रिया शुरू होने में किसी तरह की देरी की खबर नहीं मिली।
शुरुआती दो घंटों में राज्य के अंदर 13.72 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जो शाम चार बजे तक 64 फीसदी हो गया।
इस बार चुनाव मैदान में 19 महिलाओं समेत 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनावी दौड़ में 112 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच है।
कांग्रेस ने निवर्तमान 83 वर्षीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया है जबकि भाजपा ने 73 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अपना मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करते हुए मैदान में उतारा है।
वीरभद्र सिंह और धूमल दोनों ने ही अपने गृहनगरों रामपुर और समीरपुर में परिवार के सदस्यों के साथ वोट डाले।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बिलासपुर और कांग्रेस नेता व पूर्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने शिमला में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
श्र्मा ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने राज्य में जनता को लुभाने के लिए चुनाव में झूठे वायदे और फर्जी अभियान चलाए।
मुख्यमंत्री और सातवीं बार शासन पर कब्जा करने का सपना देख रहे वीरभद्र सिंह ने वोट देने के बाद कहा कि वह राज्य में कांग्रेस के भारी बहुमत से जीत दर्ज करने को लेकर आश्वस्त हैं।
दूसरी तरफ दो बार के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता धूमल ने कहा कि इस दफा भाजपा ने 60 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है।
राज्य में कुल 50 लाख मतदाताओं में 19 लाख महिलाएं हैं जो कि बड़ी संख्या में वोट देने निकलीं। राज्य में 14 ट्रांसजेंडर मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया।
कांग्रेस और भाजपा ने सभी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबिक बहुजन समाज पार्टी के 42 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
किन्नौर जिले के कल्पा में भारत के पहले मतदाता 100 वर्षीय श्याम शरण नेगी ने 15वीं बार विधानसभा चुनाव में वोट डाला।
चुनाव आधिकारियों ने उन्हें वोट डालने के लिए घर से लेकर मतदान केंद्र तक परिवहन सुविधा मुहैया कराई।
चुनाव आयोग ने पहली बार वोटों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया।
राज्य के लाहौल और स्पीति जिले के हिक्कम में सबसे अधिक ऊंचाई 15,000 फीट पर मतदान केंद्र स्थापित किया गया था। यहां 194 मतदाता हैं। शाम में बर्फबारी के बावजूद यहां 85 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव आयोग ने चंबा शहर में सरकारी अस्पताल से कम से कम 30 मरीजों को उनके नजदीकी मतदान केंद्रों में ले जाने के लिए विशेष व्यवस्था की थी।
मतगणना 18 दिसंबर को गुजरात चुनाव की मतगणना के साथ ही होगी।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2012 में कांग्रेस ने 42.81 फीसदी वोटों के साथ 36 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने 38.47 फीसदी मतों के साथ 26 सीटें जीती थी।
विधानसभा चुनाव 2012 में 73.5 फीसदी मतदान हुआ था। 2007 में यह 68.36 फीसदी था। 1977 के बाद से अब तक सबसे अधिक मतदान 2012 में हुआ था। इस बार यह रिकार्ड भी टूट गया।