राष्ट्रीय

‘काव्यांजलि’ में बुद्धिनाथ मिश्र ने समां बांधा

रूड़की (उत्तराखंड), 8 नवंबर (आईएएनएस)| नवगीत के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने मधुर स्वर में बहुचर्चित गीत ‘एक बार और जाल फेंक ओ मछेरे, जानें किस मछली में बंधन की चाह हो’ सुनाया, तो सारा सभागार गीतमय होकर झूम उठा। अर्जुन सिसोदिया के वीर रस की कविताओं ने भी सभागार को आनंदित कर दिया। अवसर था क्वांटम विश्वविद्यालय में साहित्य समारोह अभिव्यक्ति 2017 के तहत ‘काव्यांजलि’ का। काव्यांजलि के मंच पर राजेंद्र राजन, डॉ. सरिता शर्मा, अर्जुन सिसोदिया, हेमंत पांडेय ने काव्यपाठ कर सभागार को आनंदित कर दिया।

समारोह के अंतर्गत सप्ताहभर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। बुधवार शाम ढलते ही कविता पाठ से क्वांटम परिसर गीतमय हो गया। अभिलाष जी ने ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गीत सुनाया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। अभिलाष जी को क्वांटम विश्वविद्यालय की ओर से क्वांटम साहित्य गौरव सम्मान पत्र भेंट किया गया।

क्वांटम विश्वविद्यालय के संस्थापक सस्दय श्याम सुंदर गोयल ने कहा, क्वांटम परिवार का ध्यान हमेशा अपने विद्यार्थियों की प्रगति एवं उनके व्यक्तित्व विकास पर रहा है। इसी राह में एक कदम बढ़ाते हुए इस वर्ष भी अधिक उत्साह और जोश के साथ साहित्यिक समारोह अभिव्यक्ति 2017 का आयोजन किया। विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए क्वांटम परिवार समय-समय पर विभिन्न आयोजन आयोजित करता रहेगा।

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