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बिना ड्राइवर के दौड़ा इंजन, 13 किमी बाइक से पीछा कर रोका तब आई जान में जान

कलबुर्गी के वाडी स्टेशन पर रेलवे की एक भयंकर लापरवाही सामने आई है। यहां एक इलैक्ट्रिक रेलवे इंजन करीब 13 किमी तक बिना ड्राइवर के पटरी पर दौड़ता रहा। घटना की जानकारी होने के बाद स्टेशन कर्मचारियों के हाथ–पैर फूल गए।

हालांकि स्‍टेशन कर्मचारियो ने बड़े ही फिल्मी स्टाइल में इस इंजन को रोका है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार चेन्नै से मुंबई मेल जिसमें यात्रियों वाली बोगी भी जुड़ी थी, वह दोपहर के तीन बजे वाडी स्टेशन पर रुकी।

बता दें कि इलैक्ट्रिक लाइन वाडी स्टेशन पर आखिर खत्म हो जाती है। फिर वहां से सोलापुर के लिए उसमें डीजल इंजन जोड़ा जाता है। हमेशा की तरह बुधवार को भी ऐसा ही किया गया। इलैक्ट्रिक इंजन को हटाकर डीजल इंजन को यात्रियों की बोगी से जोड़ा गया और ट्रेन अपने सफर पर निकल पड़ी।

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इलैक्ट्रिक इंजन वहीं प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ा रहा। करीब साढ़े 3 बजे लोको पायलट इंजन से उतर गया। खबर के मुताबिक चंद मिनटों के बाद ही इंजन अपने आप पटरी पर चल पड़ा और लोको पायलट बेबसी से देखता रह गया।

इसके बाद वाड़ी स्टेशन के अधिकारियों ने आगे वाले स्टेशन को सूचित कर सिग्नल और पटरियों को खाली करने के लिए कह दिया ताकि ट्रेन को रोका जा सके। इंजन तेज रफ्तार से पटरी पर दौड़ रहा था। वाडी स्टेशन के मैनेजर जेएन पारिस और लोको पायलट एक बाइक पर बैठे और इंजन को रोकने के लिए चल पड़े।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इंजन दो गेट पार कर चुका था। करीब 13 किमी तक बाइक पर इंजन का पीछा करने के बाद स्टेशन मैनेजर और लोको पायलट को कामयाबी मिल गई। जब इंजन की रफ्तार पटरी पर कम हो गई, तब लोको पायलट ने उस पर चढ़कर ब्रेक लगा दिए।

मामले पर बात करते हुए स्टेशन मैनेजर पारिस ने कहा कि इंजन के इस प्रकार पटरी पर दौड़ने से कोई हादसा हो सकता था, लेकिन सूझबूझ के साथ हादसे को टाल दिया गया था। पारिस ने बताया कि रेलवे प्रशासन ने इस मामले में हुई लापरवाही के जांच के आदेश दे दिए हैं।

 

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