एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में मैरी कॉम, सोनिया
हो चिन्ह मिन्ह सिटी (वियतनाम), 7 नवंबर (आईएएनएस)| पांच बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरी कॉम और सोनिया लाठर ने मंगलवार को यहां जारी एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में जापान की मुक्केबाज तसुबासा कोमुरा को 5-0 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई। वह अपने पांचवें स्वर्ण पदक से केवल एक कदम दूर हैं।
रेलवे की कर्मचारी सोनिया ने उज्बेकिस्तान की योदगोरोय मिरजाएवा को 57 किलोग्राम वर्ग में मात दी। उनका सामना स्वर्ण पदक के संघर्ष हेतु चीन की जुनहुआ जिन से होगा।
अपने बयान में मैरी कॉम ने कहा, मैं कई साल से अपने देश के लिए खेल के इस मैदान पर संघर्ष कर रही हूं और हर बार जब मैं अच्छी शुरुआत करती हूं, तो यह एक सही इशारा होता है। इससे दूसरों को भी अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है।
मैरी कॉम ने कहा, मैं भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिह को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। उनके समर्थन के बिना यह असंभव था।
मणिपुर की मुक्केबाज करीब एक साल बाद मुक्केबाजी रिंग में वापसी कर रही हैं। हालांकि, अपने अनुभव से उन्होंने इस मैच में जापान की मुक्केबाज को आसानी से हरा दिया।
पहले चरण से ही कोमुरा ने अपनी दूरी बनाई हुई थी और उनको उम्मीद थी कि वह दूसरे चरण में मैरी कॉम पर दबाव बना लेंगी, लेकिन भारतीय दिग्गज महिला मुक्केबाज ने कोमुरा को उनके पंचो का अच्छा जवाब देते हुए जीत हासिल की।
मैरी कॉम का सामना अब मंगोलिया की मुक्केबाज जार्गालान ओचिरबाट और उत्तरी कोरिया की मुक्केबाज किम हयांग मी के बीच खेले जाने वाले मुकाबले की विजेता खिलाड़ी से होगा।
सोनिया ने कहा, अभी तक का टूर्नामेंट काफी अच्छा रहा है। मैं फाइनल मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करूंगी।
इस टूर्नामेंट में जहां एक ओर मैरी कॉम और सोनिया को सफलता हासिल हुई, वहीं सरिता देवी को निराशा का सामना करना पड़ा। चीन की डान डोउ के हाथों 64 किलोग्राम वर्ग में मिली हार के साथ ही सरिता के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद को बड़ा झटका लगा।
इसके अलावा, शिक्षा को 54 किलोग्राम वर्ग में ताइवान की मुक्केबाज लिन यु-टिंग से हार का सामना करना पड़ा। 81 किलोग्राम प्लस वर्ग में सीमा पुनिया को भी उज्बेकिस्तान की गुजाई इस्मातोवा के हाथों निराशा हाथ लगी।
इन महिला मुक्केबाजों को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन सभी ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया है।