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वैश्विक कर चोरी घोटाले में जयंत सिन्हा सहित 714 भारतीयों के नाम

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, भाजपा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति सहित सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के नाम वैश्विक कर चोरी घोटाले में सामने आए 714 भारतीयों के नामों की सूची में शामिल है।

‘पैराडाइज पेपर्स’ खुलासे को लेकर सोमवार को आई रपट में राजनीतिक व फिल्मी हस्तियों के अलावा कॉरपोरेट जगत के लोग व कंपनियों के नाम भी विदेशों में धन छिपाने वालों की फेहरिस्त में शामिल है।

रपट में गोपनीय ढंग से कर बचाकर सबसे ज्यादा धन विदेशों में जमा करने वाले नागरिकों वाले 180 देशों की सूची में 714 भारतीयों के नामों के साथ भारत का स्थान 19वां है। गुप्त जगहों से प्राप्त एक करोड़ 34 लाख दस्तावेजों से उपर्युक्त आंकड़ों व नामों का खुलासा हुआ है, जिसे पैराडाइज पेपर्स कहा गया है।

गौर करने की बात यह है कि पैराडाइज पेपर्स का खुलासा पनामा लीक के दो साल बाद हुआ है, जबकि सरकार दो दिन बाद विमुद्रीकरण की सालगिरह पर कालाधन रोधी दिवस मनाने जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ यानी आईसीजेआईजे द्वारा विश्वस्तर पर की गई जांच का हिस्सा रहे इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वित्तीय मामलों के इस खुलासे में जो आंकड़े प्रकाश में आए हैं, वे दो कंपनियों से संबंधित हैं-बरमूडा की एप्पलबाय और सिंगापुर की एसिया सिटी। साथ ही, दुनियाभर में 19 कर मुक्त क्षेत्र यानी टैक्स हेवेन के नाम भी शामिल हैं, जोकि अमीर लोगों को अपना धन गुप्त रखने में मददगार हैं।

दिलचस्प बात यह है कि नंदलाल खेमका द्वारा स्थापित सन ग्रुप एक भारतीय कंपनी है, जोकि 118 विदेशी संस्थाओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एप्पलबाय का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक है।

खुलासे में प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, एप्पलबाय के भारतीय ग्राहकों में कई प्रमुख कॉरपोरेट्स और कंपनियां शामिल हैं, जो बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों की जांच की जद में भी आई हैं।

इनमें सनटीवी-एयरसेल-मैक्सिस मामला, एस्सार-लूप टूजी मामला और एसएनएस-लवलीन, जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का नाम आया था, जिसे बाद में हटा दिया गया, शामिल हैं।

इसके साथ-साथ राजस्थान का एंबुलेंस घोटाला, जिसकी जांच हाल ही में सीबीआई को सौंपी गई है और जिसमें जिक्विस्टा हेल्थकेयर (शुरुआत में सचिन पायलट ओर कार्ति चिदंबरम इनमें अवैतनिक व स्वतंत्र निदेशक थे), और ताजा वित्तीय खुलासे में जो लिंक सामने आए हैं, उनमें वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ सीबीआई का मामला शामिल है।

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का भी नाम इसमें आया है, क्योंकि वह पहले उमीदयार नेटवर्क से जुड़े थे। वहीं, माल्टा की अपतटीय कंपनियों की सूची में भाजपा के राज्यसभा सदस्य आर.के. सिन्हा का भी नाम शामिल है। एक्सप्रेस की ओर से इस संबंध में पूछे जाने पर सिन्हा ने किसी प्रकार के कदाचार से इनकार किया है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट करके कहा कि अधिकारियों को पूरी जानकारी स्पष्टतौर पर दी गई है।

कॉरपोरेट के अलावा इसमें कुछ व्यक्तिगत नाम भी हैं। बरमूडा कंपनी में अमिताभ बच्चन की हिस्सेदारी, कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और फिल्म अभिनेता संजय दत्त की पत्नी, जो अपने पूर्व नाम दिलनशीं से इस सूची में शामिल हैं।

जयंत सिन्हा ने सोमवार को इस संबंध में किसी प्रकार की हेराफेरी की बात से इन्कार किया है और कहा कि उनसे संबंधित जो कुछ भी लेन-देन है, उसका पूरा खुलासा संबद्ध प्राधिकारों से किया गया है और वह सब आधिकारिक रूप से हुआ है न कि व्यक्तिगत तौर पर।

उन्होंने ट्वीट करके कहा कि कुछ प्रामाणिक व कानूनी तरीके से उमीदयार नेटवर्क में साझेदार के तौर पर मेरी जिम्मेदारी में विश्व की प्रतिष्ठित व अग्रणी संस्था की ओर से लेन-देन हुई थी।

एक्सप्रेस के अनुसार, जयंत सिन्हा ने 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए बतौर उम्मीदवार अपने आवेदन में चुनाव आयोग के समक्ष इसकी घोषणा नहीं की थी। इसके बाद 2016 में राज्यमंत्री के तौर पर भी उन्होंने लोकसभा सचिवालय व प्रधानमंत्री कार्यालय को इस आशय की जानकारी नहीं दी थी।

कांग्रेस जयंत सिन्हा के इस बचाव से संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री की कालाधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ तथाकथित लड़ाई पूरी तरह नाकामयाब है।

वहीं, सचिन पायलट के संबंध में सुरजेवाला ने कहा कि सीबीआई और ईडी पहले से ही मामले की जांच कर रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार सूची में शामिल सबके खिलाफ जांच करवाएगी।

उधर, भाजपा के राज्यसभा सदस्य इस संबंध में अभी मौन साधे हुए हैं।

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