ईमानदारी जिंदाबाद:कचरा बीनने वाली ने लौटाया सोने-चांदी से भरा थैला
नासिक। कलियुग में ईमानदारी जिंदा है। नासिक में कूड़ा-कचरा बीनने वालों से इसे सीखा जा सकता है। जो कोई भी इनकी ईमानदारी की कहानी सुनता है वो नतमस्तक हो जाता है। इस मिसाल के लिए उन्हें 10 हजार रुपए का इनाम भी दिया गया है।
घटना कुछ इस प्रकार है कि गंगूबाई असरूबा घोडे अपनी बेटी मुक्ता और सुनीता के साथ अंबाड के साठनेगर की झुग्गियों में रहती है।
तीनों कचरा बीनती हैं। कचरा बीनने के दौरान गंगूबाई को एक थैला मिला। इसमें करीब 5 लाख के सोने-चांदी के जेवरात थे। गंगूबाई ने उसे पुलिस को
सौंप दिया।
दरअसल हुआ यह कि नासिक के पाथर्डी फाटा इलाके में रहने वाली महिला सरिता दलवी अपने पति शरद दलवी के साथ थाने पहुंचीं। उन्होंने पुलिस को बताया कि दीवाली की सफाई के दौरान उन्होंने सोने-चांदी से भरी थैली गलती से कचरे में फेंक दी। इसके बाद पुलिस ने कचरे वालों से पूछताछ शुरू कर दी।
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सरिता दलवी ने पुलिस को बताया कि स्वर्ण आभूषण एक प्लास्टिक की थैली में भरकर रखे थे ताकि उसे बैंक के लॉकर में जमा किया जा सके। उन्होंने स्वर्ण आभूषण का बैग घर में कचरे के डिब्बे के पास रखा था।
महिला के पति शरद दलवी ने स्वर्ण आभूषण का बैग और घर का कचरा एक बोरी में डाल दिया और उसे विलोली स्थित मुंबई-आगरा हार्इवे के पास एक बड़े कचरे के डिब्बे में फेंक दिया।
शरद को जब पता चला तब वह वापस वहां गए, लेकिन तब तक वहां से सब गायब था। उन्होंने अंबाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर दी।
पुलिस को खासी कवायद के बाद भी अबतक कोई जानकारी हाथ नहीं लगी थी। दो दिन पहले गंगूबाई अपनी दोनों बेटियों के साथ कचरा बीनने निकली थीं। उन्हें जब ये थैला मिला तो उन्होंने फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी।
जब दलवी दंपति ने थाने आकर देखा तो वह जेवरात उनके ही थे। इन्हें उन्होंने गलती से कचरे में फेंक दिया था। गंगूबाई की ईमानदारी से खुश होकर दलवी दंपति ने गंगूबाई को 10 हजार रूपए देकर सम्मानित किया।