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महिला हॉकी : भारत 13 साल बाद बना चैम्पियन, विश्व कप का टिकट मिला

काकामिगहारा (जापान), 5 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय हॉकी टीम ने महिला एशिया कप के रोमांचक फाइनल में रविवार को चीन को पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 से मात देते हुए 13 साल बाद यह महाद्वीपीय खिताब अपने नाम कर इतिहास रच दिया है।

इसी के साथ भारत अगले साल इंग्लैंड में होने वाले महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में भी सफल रहा है।

कप्तान रानी ने शूटआउट में भारत के लिए विजयी गोल दागा। साथ ही सविता ने अहम समय पर चीन के प्रयास को असफल करते हुए भारत की झोली में जीत डाली।

इससे पहले भारतीय महिलाओं ने 2004 में जापान को 1-0 से मात देते हुए एशिया कप जीता था। इस साल भारतीय टीम जापान को ही हराकर फाइनल में पहुंची थी।

इससे पहले मैच तय समय में 1-1 से बराबर रहा था। नवजोत कौर ने 25वें मिनट में गोल किया। लेकिन चौथे क्वार्टर में 47वें मिनट में तियानतियान लुवो ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलते हुए मुकाबले में चीन को बराबरी पर ला दिया।

चीन ने शुरू से ही भारत पर दबदबा बनाए रखा और भारतीय घेरे में लगातार आक्रमण किए। इसी कारण दूसरे मिनट में ही चीन को पेनाल्टी कॉर्नर मिला।

सविता ने हालांकि अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए चीन को बढ़त लेने से रोक दिया और वहीं खड़ी दीप ग्रेस इक्का ने सतर्कता दिखाते हुए गेंद को बाहर कर दिया।

यहां से भारत ने वापसी की और नवजोत और वंदना की जोड़ी ने लगातार चीनी घेरे में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। चीन ने हालांकि इस बीच दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन सविता एक बार फिर उनकी राह में रोड़ा बनी। पहले क्वार्टर में दोनों टीमें गोल से वंचित रहीं।

दूसरे क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने चीन पर दबाव बनाया। 17वें मिनट में नवजोत कौर गोल करने के करीब पहुंची लेकिन वह असफल रहीं।

25वें मिनट में आखिरकार भारत को सफलता मिली। नवजोत और रानी की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया और अपने बीच बेहतरीन समझ से चीन के गोलपोस्ट के पास पहुंच गई जहां नवजोत ने गेंद को गोलपोस्ट में डाल भारत को 1-0 से आगे कर दिया।

गोल खाने के बाद चीन ने तुरंत आक्रमण की कोशिश की जो असफल रही।

एक गोल की बढ़त के साथ तीसरे क्वार्टर में उतरी भारतीय टीम ने गेंद अधीकतर समय अपने पास रखी। हालांकि इस क्वार्टर में चीन की रक्षापंक्ति ने शानदार खेल दिखाया और भारत को गोल नहीं करने दिया।

अंतिम क्वार्टर में चीन ने वापसी की और लुयो ने 47वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलते हुए स्कोर बराबरी पर पहुंचा दिया।

निर्धारित समय में मैच 1-1 से बराबरी पर छूटने के बाद पेनाल्टी शूटआउट कराया गया।

शूटआउट में रानी ने दो गोल किए जिसमें से एक गोल सडन डेथ में था। मोनिका, लिलिमा मिंज और नवजोत ने भारत के लिए बाकी के गोल किए।

सविता को टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुना गया जबकि मोनिका को प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड मिला।

तीसरे स्थान के लिए हुए प्लेऑफ मुकाबले में दक्षिण कोरिया ने जापान को 1-0 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।

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