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विश्व बैंक की रैंकिंग में सुधार सरकार के कामकाज का प्रमाण : मोदी

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के बारे में विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देकर अपनी सरकार के कामकाज को लेकर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया है। प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा कि विश्व बैंक की ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में भारत को 42वां स्थान दिया गया है जोकि पिछले तीन साल के दौरान उनके किए कामकाज का परिचायक है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की रैंकिंग में इस साल 30 स्थान ऊपर की छलांग लगाने के बाद वह सोना नहीं चाहते हैं बल्कि और भी ज्यादा कुछ हासिल करना चाहते हैं।

प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित इंडिया बिजनेस रिफॉर्म्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत आज उस जगह पर पहुंच चुका है जहां से आगे सुधार आसान हो गया है।

उन्होंने कहा, हमारी मेहनत रंग लाई है और विश्व बैंक ने कारोबार को सुगम बनाने के लिए हमारे किए गए कामों को मान्यता दी है। इसके चलते तीन साल के अल्प कार्यकाल में इस रैंकिंग में हम 42वें स्थान पर पहुंचे हैं। भारत ने एक साल में इस रैकिग में सबसे ज्यादा उन्नति की है।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जिन्होंने पहले विश्व बैंक के साथ काम किया है वही अब इस रैंकिंग पर संदेह जता रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग 142 से ऊपर उठकर 100वें स्थान पर पहुंचने का मतलब नहीं समझते हैं। लेकिन मैं 142 से 42 की छलांग लगाने के बाद सोया हुआ महसूस नहीं करता हूं।

मोदी ने कहा कि मैंने तो विश्व बैंक का भवन भी नहीं देखा है लेकिन इससे पहले जो सरकार में थे वह विश्व बैंक को अच्छी तरह जानते थे। वही अब इसपर सवाल उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कारोबारी सुगमता की रैंकिग में सुधार सुशासन यानी गुड गवर्नेस की मिसाल है। मोदी ने रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म को अपना मंत्र बताया।

उन्होंने माल व सेवा कर यानी जीएसटी को भारत के इतिहास में सबसे बड़ा कर सुधार के साथ-साथ इसे वैश्विक आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला कार्यक्रम बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए बदलाव लाना उनका मिशन है। उन्होंने कहा कि 2018 में भारत की रैंकिंग में और सुधार होगा क्योंकि कारोबारियों की ओर से जीएसटी को लेकर जो मसले उठाए गए हैं उन्हें सरकार ने सकारात्मक ढंग से स्वीकार किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में निवेश के लिए अच्छा माहौल तैयार कर रही है और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश यानी एफडीआई उच्चतम स्तर पर है। पिछले तीन साल में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

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