मप्र में 22 और तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित
भोपाल, 3 नवंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में अवर्षा और अल्पवर्षा के चलते समस्याओं से जूझते इलाकों का दायरा बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार ने 22 और तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषत कर दिया है। पूर्व में 13 जिलों की 110 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। इस तरह अब तक राज्य के 18 जिलों की 132 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की जा चुकी हैं। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव अरुण पांडेय द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, वर्षा की कमी, जमीन और सतह के पानी की उपलब्धता, खराब फसल की स्थिति, रिमोट सेसिंग रिपोर्ट तथा जिला कलेक्टरों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर 22 और तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। पूर्व में 13 जिलों की 110 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की गई थीं।
पांडेय के मुताबिक, जिला अशोकनगर की सात, भिंड की आठ, छतरपुर की 11, दमोह की सात, ग्वालियर की पांच, पन्ना की नौ, सागर की 11, सतना की 10, शिवपुरी की नौ, सीधी की सात, टीकमगढ़ की 11, विदिशा की 11, शाजापुर की सात, श्योपुर की पांच, मुरैना की छह, दतिया की पांच, शहडोल की दो और उमरिया की एक तहसील को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है।
पांडेय ने बताया कि सूखाग्रस्त इलाकों को दो श्रेणी में रखा गया है। जिला अशोकनगर, दमोह, ग्वालियर, सागर, शिवपुरी, टीकमगढ़ और विदिशा जिले की तहसीलों को गंभीर श्रेणी और शेष जिलों की तहसील को सूखा प्रभावित की मध्यम श्रेणी में रखा गया है।