देश के 91 प्रमुख जलाशयों में जल संग्रहण स्तर में कमी
नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)| देश के 91 प्रमुख जलाशयों में दो नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 109.373 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 69 प्रतिशत है। 26 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 70 प्रतिशत था। दो नवंबर का संग्रहण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 96 प्रतिशत तथा पिछले 10 वर्षो के औसत जल संग्रहण का 96 प्रतिशत रहा। यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं, जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।
बयान के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र के हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्यूसी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 13.14 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 73 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 67 प्रतिशत थी।
इसी तरह पूर्वी क्षेत्र के झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 14.81 बीसीएम है, जो जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 79 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 84 प्रतिशत थी।
पश्चिमी क्षेत्र के गुजरात तथा महाराष्ट्र में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जिनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 20.57 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 76 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 84 प्रतिशत थी।
बयान के अनुसार, मध्य क्षेत्र के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं, और इनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 26.11 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 62 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 89 प्रतिशत थी।
इसी तरह, दक्षिणी क्षेत्र के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना (टीजी), एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 33.75 बीसीएम है, जो इनकी कुल संग्रहण क्षमता का 65 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 47 प्रतिशत थी।
बयान में कहा गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है, उनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उत्तराखंड, एपी और टीजी (दोनों राज्यों में दो मिश्रित परियोजनाएं) आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। पिछले वर्ष की इसी अवधि के लिए पिछले साल की तुलना में कम संग्रहण करने वाले राज्यों में राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना शामिल हैं।