शिक्षकों को धार्मिक कार्य करने के आदेश पर खट्टर सरकार बचाव की मुद्रा में
चंडीगढ़, 1 नवंबर (आईएएनएस)| हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी सरकार शिक्षकों को धार्मिक कामों को करने के अपने आदेश को लेकर बचाव की मुद्रा में दिख रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी आदेश में शिक्षकों से धार्मिक कामों को अंजाम देने के लिए कहा गया था, जिसमें यमुनानगर जिले के धार्मिक महोत्सव के दौरान प्रसाद वितरित करना भी शामिल था।
यमुनानगर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने 29 अक्टूबर को नोटिस जारी कर हिंदुओं के कपाल मोचन पर्व के दौरान ड्यूटी पर नहीं आने वाले कुछ शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा था।
महोत्सव के दौरान लाखों लोगों की जुटने वाली भीड़ के मद्देनजर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से प्रशिक्षण लेने और पुजारियों के कार्यो को करने के लिए कहा गया था।
शिक्षकों के एक वर्ग ने शिक्षा विभाग और खट्टर सरकार के खिलाफ विरोध किया। उन्होंने भाजपा सरकार पर ‘हिंदुत्व एजेंडा’ चलाने का आरोप लगाया है।
भाजपा प्रवक्ता जवाहर यादव ने बुधवार को खट्टर सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शिक्षकों से पुजारियों का काम करने के लिए नहीं कहा गया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को केवल जिला स्तर पर महोत्सव का प्रबंधन करने के लिए कहा गया था।
यादव ने समाचार चैनलों से कहा कि इस आदेश के पीछे कोई (हिंदुत्व) एजेंडा नहीं है। चार दिनों तक चलने वाले इस महोत्सन में करीब पांच लाख लोगों के जुटने की संभावना के मद्देनजर केवल 15 से 20 शिक्षकों को महोत्सव के दौरान ड्यूटी देने का आदेश दिया गया था
उन्होंने कहा कि इससे छात्रों की पढ़ाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि छुट्टियों के दिनों पर ड्यूटी लगाई गई है।
हरियाणा शिक्षक संघ के राज्य सलाहकार जयदेव आर्या ने सरकार के इस आदेश को ‘अनुचित’ बताया है।
यह महोत्सव बुधवार से शुरू हो रहा है।