सहवाग को दिल्ली के साथ रणजी ट्रॉफी न जीत पाने का मलाल
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को इस बात का मलाल है कि वह दिल्ली की उस टीम का हिस्सा नहीं बन पाए जो रणजी ट्रॉफी जीतने में सफल रही थी। दिल्ली ने 2007-08 में गौतम गंभीर की कप्तानी में रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत था। इस दौरान सहवाग राष्ट्रीय टीम के साथ व्यस्त थे।
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के तीन नंबर गेट का नाम सहवाग के नाम पर रखा है। इस मौके पर मंगलवार को सहवाग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें दिल्ली की रणजी विजेता टीम का हिस्सा न बन पाने का मलाल है।
भारत के लिए टेस्ट में पहली बार 300 रनों का आंकड़ा छूने वाले सहवाग ने कहा, एक ही पल है जिसका मुझे मलाल है। मैं उस टीम का हिस्सा नहीं था जो रणजी ट्रॉफी विजेता बनी। मैं उस समय देश के लिए खेल रहा था, लेकिन मैं हर दिन की रिपोर्ट ले रहा था। उस जीत का श्रेय जाता है गौतम गंभीर को, जिन्होंने दिल्ली की कप्तानी की और फाइनल जिताया। प्रदीप सांगवान ने उस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था। हमने जो सपना देखा तो वो पूरा किया गंभीर की कप्तानी में।
दिल्ली ने 2007-08 में 17 साल बाद रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया था। दिल्ली ने उस साल फाइनल में उत्तर प्रदेश को मात देते हुए यह खिताब जीता था।
जिस स्टेडियम के गेट का नाम सहवाग के नाम पर रखा गया है, उस स्टेडियम में बिताए गए यादगार पलों के बारे में पूछा गया तो सहवाग ने कहा कि अंडर-19 में गुजरात और दिल्ली के बीच हुए मैच को वो कभी नहीं भूल सकते।
उन्होंने कहा, बहुत यादें हैं। हम लोगों ने यहां अंडर-19 के बहुत सारे मैच खेले हैं। उनमें से एक मैच था दिल्ली-गुजरात का, जिसमें हमें क्वालीफाई करने के लिए खेलना था। उस मैच में आशीष नेहरा और अमित भंडारी ने शानदार प्रदर्शन किया था। वो मैच में कभी नहीं भूल सकता। हालांकि उस मैच में मैंने शायद 60 रन ही बनाए थे, लेकिन हम नॉकआउट में पहली बार पहुंचे थे।
इस स्टेडियम में बुधवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन टी-20 मैचों की सीरीज का पहला मैच खेला जाएगा।