उप्र : मदरसों में भी पढ़ाई जाएंगी एनसीईआरटी की किताबें
लखनऊ , 30 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार अब मदरसों व इस्लामी शैक्षणिक संस्थानों को और बेहतर बनाने की कवायद में जुट गई है। राज्य सरकार ने इन संस्थानों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाने का निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि मदरसों में एनसीईआरटी किताबों से पढ़ाई होगी। आधुनिक विषयों के साथ स्कूलों के संग बराबरी कर पाएंगे, आलिया स्तर पर गणित और साइंस अनिवार्य होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य मदरसा बोर्ड विद्यार्थियों को सीबीएससी के स्कूलों में पढ़ाए जा रहे एनसीईआरटी कोर्स के तहत चयनित किताबों को पढ़ाए जाने की तैयारी में जुट गया है।
शर्मा ने कहा कि मदरसा स्कूलों में गणित तथा विज्ञान की पढ़ाई को अनिवार्य किए जाने की तैयारी की जा रही है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही मदरसा बोर्ड एनसीईआरटी की किताबें शामिल करेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने मदरसों में पाठ्यक्रम को सुधारने के लिए एक 40 सदस्यीय समिति बनाई थी। समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पढ़ाई के स्तर को सुधारने के स्कूलों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान अनिवार्य कर सकती है।
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने कहा कि जल्द ही मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है।
उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी को छोड़कर मदरसों में अन्य विषयों की सभी किताबें उर्दू में होंगे, जिनमें गणित और विज्ञान शामिल हैं।
गौरतलब है प्रदेश सरकार ने 2017-18 के लिए राज्य के बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए लगभग 1700 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। मान्यता प्राप्त मदरसों और प्राथमिक विद्यालयों में आधुनिक शिक्षा देने के लिए सरकार ने 394 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा मानकों का पालन नहीं किए जाने के कारण सरकार ने सितंबर में राज्य के 46 मदरसों को अनुदान दिए जाने पर रोक लगा दी थी।