गाड़ियों का बीमा कराना होगा जरूरी,सरकार बना रही योजना
नई दिल्ली। देश में सभी गाड़ियों का बीमा कराना जरूरी हो गया है। अगर गाड़ी का फुल इंश्योरेंस नहीं करा सकते तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है।
अगर कोई गाड़ी का इंश्योरेंस कराए बिना उसे चलाता है तो यह कानूनन अपराध है। देश में बिना इश्योरेंस के सड़कों पर दौड़ने वाली गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार नई योजना बना रही है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि वह उन गाड़ियों की डिटेल्स दें जिनका बीमा है।
यह बिना बीमा के दौड़ने वाली गाड़ियों को पकड़वाने में मदद करेगा। मिनिस्ट्री पूरे डेटा को एक ईप्लेटफॉर्म पर डालेगी। इस डेटा को राज्यों के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और ट्रैफिक पुलिस एक्सेस कर पाएंगे।
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इससे उन व्हीकल्स की पहचान की जाएगी, जो बिना बीमा के रोड पर चल रहे हैं। अभी अगर किसी गाड़ी का इंश्योरेंस है या खत्म हो गया है तो इसकी जांच के लिए गाड़ी रुकवाकर उसके इंश्योरेंस के पेपर देखने पड़ते हैं।
इंश्योरेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (IIB) के मुताबिक देश में करीब 21 करोड़ वाहन हैं। इनमें से केवल 6.5 करोड़ वाहनों का ही बीमा है। बीमा न होने वाले वाहनों में ज्यादातर वो हैं, जो अब रोड पर नहीं आते।
अधिकारियों का अनुमान है कि रोड पर चलने वाले 50-55 फीसदी वाहनों के पास बीमा है। वहीं, लगभग सभी कॉमर्शियल वाहनों के पास बीमा है। ये सभी हर साल रिन्यूअल भी कराते हैं।
पैसेंजर कारों के मामले में करीब 70-80 फीसदी कारों का बीमा है। टू व्हीलर वाहनों का बीमा सबसे कम है।
देश में लगभग 40-50 फीसदी टू व्हीलर वाहनों के पास ही बीमा है। देश में कुल वाहनों की संख्या में करीब 70 फीसदी हिस्सा टू व्हीलर का ही है।