इटली के प्रधानमंत्री के भारत दौरे से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)| इटली के प्रधानमंत्री पाओलो जेन्टिलोनी अपने एक दिवसीय दौरे पर सोमवार को भारत आ रहे हैं।
यह एक दशक में किसी इतालवी नेता का पहला दौरा है। इतालवी प्रधानमंत्री का दौरा दो इतालवी मरीन के कारण दोनों देशों के बीच हुए विवाद के बाद नई दिल्ली और रोम के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। रोमानो प्रोडी भारत आने वाले आखिरी इतालवी प्रधानमंत्री थे। वह फरवरी 2007 में भारत आए थे।
जेन्टिलोनी के दौरे से पहले विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, करीब एक दशक के अंतराल बाद हो रहा यह दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूती देने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री जेन्टिलोनी के साथ एक 15 सदस्यीय इतालवी सीईओ प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेन्टिलोनी सोमवार को प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में दोनों देशों के सीईओ के साथ बातचीत करेंगे।
भारत और इटली के बीच राजनयिक संबंध फरवरी 2012 के बाद से खराब हो गए थे। जब दो इतालवी नौसैनिकों ने केरल में दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये दोनों इतालवी नौसैनिक मैसिमिलानो लाटोरे और सेल्वाटोर गिरोन एम.वी. एनरिका लेक्सी पर तैनात थे।
भारत ने दोनों नौसैनिकों को हिरासत में ले लिया था। जबकि इटली ने दावा किया था कि जहाज अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में था और यह मामला हेग में समुद्री कानून के अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण (इटलोस) को हस्तानांतरित किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली और रोम के बीच हुए विवाद ने यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता को प्रभावित किया था।
भारत-इटली के संबंधों को एक राहत की सांस तब मिली, जब पिछले साल सितंबर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मदर टेरेसा को संत की सूची में शामिल किए जाने को लेकर वेटिकन का दौरा किया था।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में ईयू के सदस्य देशों में इटली भारत के पांच सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक था। जिसके साथ 2016-17 में द्विपक्षीय व्यापार 8.79 अरब डॉलर था।
इटली भारत में निवेश करने वाला 13वां सबसे बड़ा निवेशकर्ता है। जिसने अप्रैल 2000 से जून 2017 तक करीब 2.41 अरब डॉलर का निवेश किया है।