अहमद पटेल पर लगे आरोपों की जांच हो : जद(यू)
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जनता दल(यूनाइटेड) ने शुक्रवार को गुजरात में गिरफ्तार दो आतंकवादियों के साथ कांग्रेस नेता अहमद पटेल के कथित संबंधों के आरोप की ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच’ कराने की मांग की।
जद (यू) प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने यहां पत्रकारों से कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने अहमद पटेल के विरुद्ध आरोप लगाए हैं, जो काफी गंभीर हैं। इसलिए हम स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी की इसमें संलिप्तता साबित होती है तो कानून को अवश्य अपना काम करना चाहिए।
त्यागी ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हम काफी स्पष्ट हैं कि इससे कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। कानून को अपने तरीके से काम करने दीजिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए।
त्यागी ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब एक दिन पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने आतंकवाद-रोधी दस्ते द्वारा भरूच से गिरफ्तार एक संदिग्ध आतंकवादी के तार कांग्रेस नेता पटेल से जोड़े थे। पटेल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
रूपानी ने पत्रकारों को बताया था कि खुफिया ब्यूरो और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़ा गया मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला भरूच अस्पताल में काम करता था, जहां पटेल ट्रस्टी थे और संप्रग सरकार के हारने के बाद उन्होंने हालांकि इस्तीफा दे दिया था, लेकिन वह अभी भी अस्पताल का काम देखते हैं।
गुजरात एटीएस द्वारा सूरत से पकड़े गए दो आतंकवादियों में से एक स्टिंबरवाला ने हाल ही में अंकलेश्वर स्थित सरदार पटेल अस्पताल और हृदय संस्थान से इकोकार्डियोग्राम तकनीशियन के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने में पटेल ने भूमिका निभाई थी।
पटेल इस अस्पताल को आधुनिक बनाने के शुरुआती समय में यहां के ट्रस्टियों में से एक थे और आधुनिक तकनीक से लैस यह अस्पताल पूरे भरूच जिले में एकमात्र हृदय सर्जरी का अस्पताल है। उन्होंने वर्ष 2014 में इस अस्पताल के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे दिया था।
एटीएस ने दावा किया है कि पकड़े गए दोनों संदिग्ध आतंकवादी अहमदाबाद के खाड़िया क्षेत्र में यहूदियों के पूजा स्थल पर हमले की योजना बना रहे थे और यहां तक कि इसके लिए पर्याप्त योजना बना ली थी।
दोनों संदिग्धों में से एक मिर्जा सूरत अदालत में वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था और दूसरा अंकलेश्वर अस्पताल में तकनीशियन के तौर पर काम कर रहा था।