गडकरी ने समुद्र के रास्ते 185 ट्रक बांग्लादेश रवाना किए
नागपुर/चेन्नई, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को 185 ट्रकों को बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह ले जा रहे रोल-ऑन-रोल-ऑफ(रोरो)-कम-सामान्य मालवाहक पोत को चेन्नई बंदरगाह से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस समुद्री मार्ग से ट्रक ले जाने में कम से कम 15 से 20 दिनों का समय बचने की उम्मीद है। नागपुर से डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाने के बाद गडकरी ने कहा कि समुद्र के रास्ते परिवहन से 15 से 20 दिनों का समय बचेगा।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार के दृष्टिकोण के अनुसार, जलमार्ग हमारी प्राथमिकता है। समुद्री मार्ग से न केवल लागत कम होती है, बल्कि यह समय और कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है।
सड़क और परिवहन मंत्रालय का भी जिम्मा संभाल रहे गडकरी ने सभी ओटोमोबाइल निर्माताओं से परिवहन के लिए तटीय जहाजरानी साधन(कोस्टल शिपिंग मोड) का इस्तेमाल करने का आग्रह किया।
जहाजरानी मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस अकेली यात्रा से, तीन लाख किलोमीटर सड़क यात्रा को बचाया जा सकेगा, क्योंकि सड़क मार्ग ज्यादा लंबा है और भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पेट्रापोल-बेनापोल जांच चौकी पर भीड़ की वजह से ज्यादा समय खर्च हो जाता है।
बयान के अनुसार, इस तरह की पहल का उद्देश्य सागरमाला के तहत उन्नत लॉजिस्टिक चैन सोल्यूशन मुहैया कराना है। इसका प्रमुख उद्देश्य लागत व परिवहन खर्च बचाना है और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाकर व्यापार करना है।
भारत और बांग्लादेश के बीच तटीय जहाजरानी समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून 2015 में बांग्लादेश दौरे के दौरान हुआ था।
इस समझौते के अंतर्गत, भारत से बांग्लादेश तक समुद्री परिवहन को तटीय गतिविधि के तौर पर लिया जाएगा, जिसके अंतर्गत पोत संबंधी व कार्गो संबंधी लागत में 40 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार, रोरो पोत के अंतर्गत परिवहन गतिविधि में, भारतीय बंदरगाहों में पोत संबंधी व कार्गो संबंधी लागत में 80 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।