राष्ट्रीय

गीता को बेटी बताने वाला झारखंड का परिवार इंदौर पहुंचा

इंदौर, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत की सीमा पार कर गलती से पाकिस्तान पहुंचकर फिर अपने वतन लौटने वाली मूक-बधिर गीता पर झारखंड के एक परिवार ने अपनी बेटी होने का दावा किया है।

यह परिवार इंदौर पहुंच चुका है और प्रशासन की मध्यस्थता में बातचीत चल रही है। इसमें विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों झारखंड के मूंदी गांव के एक परिवार ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया था। उस परिवार के सदस्य यहां पहुंच चुके हैं।

जिलाधिकारी कार्यालय में संकेतक विशेषज्ञ, जिला प्रशासन के अधिकारी, गीता और संबंधित परिवार के बीच बातचीत चल रही है। यह परिवार अपना डीएनए कराने को भी तैयार है। इससे पहले भी कुछ परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं, मगर गीता को अब तक अपना परिवार नहीं मिला है।

ज्ञात हो कि गलती से सीमा लांघने के बाद पाकिस्तान पहुंचने और फिर एक दशक से ज्यादा वक्त रहने के बाद भारत लौटी गीता इन दिनों इंदौर के गुमाश्ता नगर स्थित गैर सरकारी संस्था मूक-बधिर संगठन के आवासीय परिसर में रह रही है।

बताते हैं कि गीता उस समय पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी, जब उसकी उम्र महज सात से आठ साल थी। मूक-बधिर गीता को पाकिस्तान की ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था।

भारत की गीता के पाकिस्तान में होने का खुलासा होने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर गीता 26 अक्टूबर 2015 को भारत वापस लौटी थी। उसके बाद उसे यहां के मूक-बधिरों के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में भेज दिया गया था। उसी के बाद से गीता के परिवार की खोज जारी है, मगर अब तक इस प्रयास को सफलता नहीं मिल पाई है।

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