भगवान भास्कर की अराधना में डूबा बिहार
पटना, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| लोक आस्था और सूयरेपासना का पर्व छठ को लेकर पटना सहित पूरा बिहार भक्ति के रंग में सराबोर हो गया है। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के पहले दिन मंगलवार को जहां व्रतियों ने ‘नहाय-खाय’ के बाद संकल्प लेकर व्रत प्रारंभ किया, वहीं व्रत के दूसरे दिन बुधवार शाम व्रतधारी खरना करेंगे।
भगवान भास्कर की अराधना के पर्व छठ को लेकर पूरा बिहार भक्ति के रंग में डूबा नजर आ रहा है। मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक व कर्णप्रिय गीत गूंज रहे हैं। राजधानी पटना की सभी सड़कें रंग-बिरंगी दूधिया रौशनी और आकर्षक तोरण-द्वारों से सजी हुई हैं, जबकि गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं।
राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है। आम से लेकर खास तक सभी सड़कों की सफाई में व्यस्त हैं। हर कोई छठ पर्व में हाथ बंटाना चाह रहा है।
पटना सहित कई इलाकों में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है। पूरा माहौल छठमय हो उठा है। कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए हैं तो कई पूजा समितियों द्वारा लाइटिंग की व्यवस्था की गई है।
पटना में जिला प्रशासन द्वारा छठ पर्व के मद्देनजर नियंत्रण कक्ष की स्थापना किया गया है। शहर में 100 से ज्यादा घाटों के अलावा 45 तालाबों में छठव्रतियों के भगवान भास्कर को अघ्र्य देने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने कई गंगा घाटों को असुरक्षित घोषित कर दिया है, जिसमें व्रतियों को नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है। जबकि अत्यधिक गहराई वाले क्षेत्रों की बैरेकेटिंग कर दी गई है।
बिहार राज्य पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पटना सहित पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पटना के गंगा घाटों पर अतिरिक्त सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। पटना की यातायात व्यवस्था में भी बदलाव किए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न जगहों पर स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय लोग व्रतियों की मदद के लिए जुटे हुए हैं।
गौरतलब है कि पटना सहित राज्य के विभिन्न इलाके से लोग गंगा तट पर छठ करने पहुंचते हैं।
पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, औरंगाबाद सहित सभी जिलों में गांवों से लेकर शहरों तक में लोग छठ पर्व की भक्ति में डूबे हुए हैं।
कई क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाएं और व्यक्तिगत तौर पर लोग फल और पूजन सामग्री बांट रहे हैं। खरना के दूसरे दिन खीर बनाने को लेकर दूध की बिक्री भी जमकर देखी गई।
बिहार के औरंगाबाद जिले के प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर परिसर में हजारों की भीड़ भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के लिए पहुंची है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की शाम छठव्रती भगवान भास्कर की अराधना कर खरना करेंगे। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो जाएगा।
पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को छठव्रती शाम को नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी शुक्रवार को उदीयमान सूर्य के अघ्र्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा। इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ करेंगे।