कुंवारों को मिल रही किराए पर पत्नियां, पैसा हो तो जितनी चाहे उतनी बुलाओ
नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में पत्नियां किराए पर मिल रही है। ताजा मामला मध्य प्रदेश में देखने को मिला है जहां लिंग अनुपात में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से ऐसी घिनौनी हरकत की जा रही है।
मध्य प्रदेश में पत्नियों को किराए पर देना दधीच प्रथा के नाम से जाना जाता है। यहां महज 10 से 100 रुपए तक के पेपर पर हस्ताक्षर कराने के बाद महिला का पति बदल दिया जाता है। सौदे के पूरा होने के बाद महिला को अन्य व्यक्ति को बेच दिया जाता है।
ऐसा ही एक मामला साल 2006 में नेत्रगंज तालुका में दर्ज किया गया था। अता प्रजापति नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी लक्ष्मी को मेहसाणा में एक अन्य व्यक्ति के साथ रहने को भेज दिया था। इसके लिए उसे आठ हजार रुपए महीना किराया मिल रहा था।
दरअसल, ऐसी घटनाओं को इसलिए बढ़ावा मिल रहा है क्योंकि लड़कियों की कमी ने एजेंट्स और बिचौलियों को प्रेरित किया है और वो गरीब परिवारों की लड़कियों को इस काम के लिए मजबूर कर रहे हैं। सबसे ज्यादा महिलाएं मेहसाना, पाटण, राजकोट और गांधीनगर जैसे जिलों की हैं, जहां से इनकी सौदेबाजी सबसे ज्यादा की जा रही है।
इस काम को करने वाले दलाल 65-70 हजार रुपए लेते हैं, जबकि गरीब लड़कियों के परिवार को 15 से 20 हजार रुपए देते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आदिवासी युवा महिलाओं को 500 रुपए से लेकर 60,000 रुपए तक में किराए पर मुहैया कराया जाता है। वहीं, कई दलाल इस काम के 1.5 लाख रुपए से लेकर 2 लाख रुपए प्रति माह तक कमाते हैं।