माओ के बाद शी चीन के सर्वाधिक ताकतवर नेता बने
बीजिंग, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राजनीतिक विचारधारा को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के संविधान में शामिल कर लिया गया है, जिसके बाद शी चीन के महान नेताओं माओ त्सेतुंग और डेंग शियाओपिंग की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।
बीजिंग में सप्ताहभर तक चली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस की बैठक के अंत में शी की राजनीतिक विचारधारा को संविधान में शामिल करने की मंजूरी दी गई। इससे पहले माओ और डेंग को ही यह सम्मान प्राप्त हुआ था।
इस कदम के बाद शी जिनपिंग का देश में कद काफी बढ़ गया है और देश की राजनीति में उनकी शक्ति बढ़ गई है।
पार्टी के संविधान में ‘चीनी विशेषताओं के साथ नए युग के समाजवाद’ पर अपने विचारों के शामिल होने से शी ने जियांग जेमिन और हू जिंताओ जैसे दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है।
संविधान में हुए संशोधन के मुताबिक, मार्क्सवाद-लेनिनवाद, माओ त्सेतुंग, डेंग सिद्धांत के साथ कांग्रेस ने नए युग में चीन की विशेषताओं के साथ शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचारों को सर्वसम्मति से शामिल करने पर सहमति जताई।
संविधान संशोधन के मुताबिक, कांग्रेस ने पार्टी के सभी सदस्यों से सोच एवं कार्य के स्तर पर एकता हासिल करने और इनका अध्ययन और इन्हें अंगीकार करने के लिए अधिक उद्देश्यपूर्ण होने का आग्रह किया।
पिछले साल शी को देश के ‘सबसे महत्वपूर्ण नेता’ का तमगा दिया गया था, जो अभी तक सिर्फ माओ, डेंग और जियांग को ही दिया गया है।
इस सम्मान से शी चीन की सत्ता के शीर्ष पर पहुंच गए हैं।
शी चीन की सर्वाधिक शक्तिशाली संस्था पोलित ब्यूरो स्थाई समिति के सात सदस्यों में से एक हैं।
इन सात सदस्यों में से पांच अनाधिकारिक सेवानिवृत्त उम्र 68 होने की वजह से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग (62) इस समिति में बने रहेंगे।
अभी यह देखा जाना है कि इस समिति में किसकी एंट्री होती है। अनुमान यह है कि अधिकतर शी के वफादार ही समिति में शामिल होंगे।
हालांकि, अभी यह पता नहीं चला है कि क्या शी 2022 में पार्टी के महासचिव पद से सेवानिवृत्त होने पर अपने उत्तराधिकारी का ऐलान करेंगे। वह उस समय 69 वर्ष के हो जाएंगे।
सीपीसी की शीर्ष राजनीतिक संस्थाओं की सेवानिवृत्त उम्र 68 वर्ष है।
चीन के मामलों के विश्लेषक डेविड केली ने आईएएनएस को बताया, घरेलू स्तर पर यह पता चलता है कि शी का कोई गंभीर विरोधी नहीं है और प्रणाली उनके साथ है, जो कि चीन जैसे अधिकारवादी देश के लिए भी असामान्य बात है।
हालांकि, केली का कहना है कि शी की माओ से तुलना नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, मैं 1970 के दशक में छात्र था, जब माओ जिंदा थे। माओ को लगभग धार्मिक शख्स के तौर पर पूजा जाता था। उस समय के युवा, जिनकी बाहरी दुनिया तक सीमित पहुंच थी, उन्हें अलौकिक मानते थे।
एसओएएस चाइना इंस्टीट्यूट के निदेशक स्टीव सांग ने कहा कि शी अभी कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं।
सांग ने आईएएनएस को बताया, शी अभी उस तरह की चुनौतियों से जूझे नहीं है, जिसका सामना माओ ने किया था, जैसे कि कोरियाई युद्ध के दौरान। या फिर डेंग ने 1989 में तियानमेन प्रदर्शनों के दौर में किया था।
उन्होंने बताया, शी का गेम यही है कि उन्हें कभी इस तरह की कसौटी पर नहीं कसा जाए।
शी ने 2,200 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, हमारी पार्टी में मजबूत और दृढ़ नेतृत्व है। हमारी समाजवादी प्रणाली मजबूत है। चीनी लोग और देश ने अभूतपूर्व संभावनाओं को अंगीकार किया है।
सीपीसी ने मंगलवार को अगले पांच साल के लिए पार्टी का नेतृत्व करने के लिए 19वीं सीपीसी केंद्रीय समिति का चुनाव किया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, 19वीं सीपीसी केंद्रीय समिति बुधवार को राजनीतिक ब्यूरो, राजनीतिक ब्यूरो की स्थाई समिति और महासचिव का चुनाव करेगी।
पार्टी के संविधान के मुताबिक, सीपीसी की सर्वोच्च अग्रणी संस्था नेशनल कांग्रेस और उसके द्वारा चुनी गई केंद्रीय समिति है और पार्टी से संबद्ध सभी संगठन और सदस्य नेशनल कांग्रेस और केंद्रीय समिति के अधीन होते हैं।
सीपीसी कांग्रेस का आयोजन हर पांच साल में होता है और इसका आयोजन केंद्रीय समिति करती है।
कांग्रेस के प्रतिनिधियों की संख्या और उनके चुनाव की प्रक्रिया का निर्धारण केंद्रीय समिति ही करती है।