राष्ट्रीय

नर्मदा घाटी में विस्थापितों ने मनाई ‘काली दिवाली’

बड़वानी, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश और दुनिया में गुरुवार को दीपावली मनाई जाएगी, मगर मध्य प्रदेश के निमांड़ इलाके के विस्थापित मजदूर, किसान ने बुधवार को ही काली दीपावली मना डाली। इस मौके पर उन्होंने मशालें जलाईं और कहा कि दीपावली तो पूंजीपतियों और शासकों के लिए है। हमारा तो दीवालिया निकल गया। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में झंडा चौक पर जमा हुए लोगों ने सरकार और उद्योगपतियों की मिलीभगत के खिलाफ रोष जाहिर किया। मेधा ने कहा, दीपावली पूंजीपतियों की, शासकों की है, विस्थापितों, किसान, मजदूर का तो दीवाला निकल गया।

इस प्रदर्शन में शामिल किसान व श्रमिकों ने मशाल जलाकर अपने विरोध का प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा, हमारी खेती छीनी, हमारी नदी और गांवों की हत्या की। देशभर के किसानों को उपज का सही दाम नहीं, बीमा योजना के तहत नुकसान की भरपाई नहीं, न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी लाभ नहीं मिल रहा।

सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए छोड़े गए पानी ने कई इलाकों में तबाही मचाई है। निचली बस्तियां डूब गई हैं। मछुवारों के पास कोई काम नहीं बचा है, मछलियां मर रही हैं।

इस विरोध प्रदर्शन में नर्मदा घाटी के किसान, महिला, पुरुषों के साथ सेंच्युरी मिल वेयरइट नाम की कंपनी को बेचने की साजिश के खिलाफ 1200 श्रमिक भी शामिल हुए। यहां जमा हुए लोगों ने काली दीपावली मनाई।

बड़वानी के झंडा चौक में मेधा पाटकर, बी देवराम, कैलाश अवास्या, जगदीश पटेल, पेमा भीलाला, राहुल यादव तथा कमला यादव ने सभी की समस्याओं का जिक्र किया। श्रमिकों की ओर से राजकुमार दुबे, संजय चौहान व राजेश यादव ने संघर्ष का संकल्प लिया।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close