ताज के साथ संसद व राष्ट्रपति भवन भी ध्वस्त करें : आजम
लखनऊ, 17 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल पर भाजपा विधायक संगीत सोम द्वारा दिए विवादास्पद बयान से राजनीति गरमा गई है।
बयान पर प्रतिक्रिया में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर विधायक मोहम्मद आजम खां ने कहा कि वह तो पहले ही कह चुके हैं कि ताजमहल ही क्यों, संसद, राष्ट्रपति भवन, कुतुबमीनार, लाल किला और आगरे का किला भी ध्वस्त कर देना चाहिए, क्योंकि यह भी ‘गुलामी’ की याद दिलाते हैं। मीडिया से बातचीत में आजम ने मंगलवार को संगीत सोम का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा, मैं किसी को जवाब नहीं दे रहा हूं, क्योंकि गोश्त के कारखाने चलाने वालों को राय देने का अधिकार नहीं। इस पर शासक फैसला करेंगे, लेकिन मैं तो पहले से ही इस राय का हूं कि गुलामी की उन तमाम निशानियों को मिटा देना चाहिए, जिससे कल के शासकों की बू आती हो।
उन्होंने कहा, जाहिर है, ये एक सच है कि मुगल हिन्दुस्तान पर काबिज हुए। अब वे किन हालात में आए, कौन लेकर आया, ये बहस अगर होगी तो कड़वाहट आ जाएगी और लोग हमारी बात का बुरा मानेंगे। इसलिए हम वो बात कहना नहीं चाहते।
आजम ने कहा, मैंने तो पहले ही कहा था कि अकेले ताजमहल ही क्यों? पार्लियामेंट हाऊस भी क्यों नही, राष्ट्रपति भवन क्यों नहीं, कुतुबमीनार क्यों नही, दिल्ली का लालकिला क्यों नहीं, आगरे का किला क्यों नहीं? ये सब गुलामी की निशानियां है। सब ध्वस्त कर दो।
उन्होंने नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना कहा, हम तो बादशाह से अपील करते हैं और छोटे बादशाह से तो हमने कहा है कि आप आगे चलो, हम साथ चलेंगे। पहला फावड़ा आपका होगा, दूसरा हमारा होगा। मैं समझता हूं, इतना कुछ कहने के बाद कदम पीछे हटा लेना राजनीतिक नपुंसकता है।
आजम ने कहा कि जो लोग इन जगहों को गुलामी की निशानी कह रहे हैं, उनका पूरे देश पर राज है, इस वक्त कब्जा है। अगर वो हिम्मत नहीं कर रहे तो इसे राजनैतिक नपुंसकता ही कहेंगे।