गंगा का प्रवाह तेज किए बिना जलमार्ग संभव नहीं : नीतीश
पटना, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां सोमवार को कहा कि गंगा की निर्मलता और अविरलता का अन्योनाश्रय संबंध है।
गंगा में जलप्रवाह तेज किए बिना जलमार्ग संभव नहीं है। पटना में लोकसंवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, हम राष्ट्रीय जलमार्ग के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आज की तारीख में यह परियोजना गंगा में कामयाब नहीं हो सकती। इसके लिए जरूरी है कि गंगा में पानी का प्रवाह तेज हो। गाद की समस्या का निदान हो और इसके लिए नीति बने।
उन्होंने यह भी कहा कि केवल गंगा से गाद निकाल देना समस्या का हल नहीं है। यह पर्यावरण के भी खिलाफ है। गाद समस्या का हल यही होगा कि गंगा में पानी के कमजोर पड़ गए प्रवाह को तीव्र किया जाए, जिससे प्रवाह के साथ ही गाद आगे निकल जाए और बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में यही सिद्धांत है। उन्होंने कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में कोई दूसरा चाहे तो भी अध्यक्ष नहीं बन सकता। राहुल बिना अध्यक्ष के भी आज पार्टी के सर्वेसर्वा हैं। हालांकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है।
नीतीश ने कहा कि सभी पार्टियां चुनाव में जाने से पूर्व तैयारी करने के लिए स्वतंत्र हैं। वर्ष 2019 में जनता फैसला करेगी। राहुल अगर अध्यक्ष बनते हैं, तो यह अच्छी बात है।
पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मांग काफी पुरानी है। संसद में भी हम इसे उठाते रहे हैं।
उन्होंने कहा, इस बारे में अब केंद्र सरकार को फैसला लेना है। पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दें या नहीं दें, यह उनके हाथ में है।
नीतीश ने उच्च शिक्षा का संचालन राज्य सरकार के हाथों में देने की वकालत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती, उसके अपने दायरे हैं।
उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा में राज्यों के पास सीमित अधिकार हैं। इसे बदलने की जरूरत है और केंद्र सरकार को इस विषय में राज्य सरकार की क्षमता निर्धारित करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल ही है। जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र विलंब से चलने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सत्र पीछे होने से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नीतीश ने कहा कि उच्च शिक्षा को बेहतर करने की जरूरत है और यह सबको मिलकर करना होगा।
राजद अध्यक्ष के एक बयान के संदर्भ में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि बकवास का जवाब दिया जाता है क्या? लालू प्रसाद का नाम लिए बिना नीतीश ने कहा, उन्हें (लालू प्रसाद) आजकल फुर्सत कहां है? उन्होंने पहले जो काम किए हैं, उसमें अपने आप को तार्किक परिणति तक पहुंचा रहे हैं।