अन्तर्राष्ट्रीयस्वास्थ्य

पोलैंड में हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों को आईएमए का समर्थन

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| पोलैंड में जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए अपर्याप्त कोष, काम की खराब परिस्थितियों व कम वेतन के विरोध में भूख हड़ताल कर दी है।

इन जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी सामने आई है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन (डब्ल्यूएमए) से जुड़े होने के नाते, आईएमए पोलैंड में जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करती है। हमारी मांगें भी समान हैं। भारत में भी स्वास्थ्य देखभाल के खर्च पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यहां भी स्वास्थ्य सेवाओं पर सबसे कम व्यय किया जाता है।

उन्होंने कहा कि यह तथ्य वर्ष 2017-18 के केंद्रीय बजट से स्पष्ट होता है, जिसमंे स्वास्थ्य देखभाल के लिए जीडीपी का केवल 1.3 प्रतिशत हिस्सा आवंटित किया गया है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। स्वास्थ्य कवरेज के लिए स्वास्थ्य बजट जीडीपी का पांच प्रतिशत तो होना ही चाहिए।

उन्होंने कहा, इनके अलावा डॉक्टरों पर आपराधिक मुकदमे, डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा, सीईए और पीसीपीएनडीटी जैसे कुछ ऐसे ही मुद्दे हैं, जिनका सामाधान किया जाना चाहिए। आईएमए इन समस्याओं का समाधान करने के लिए लड़ रही है और इस साल 6 जून को इसने दिल्ली चलो आंदोलन का आयोजन किया था।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, हमने जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इन मुद्दों को सुलझाने हेतु तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र भी जारी किया था। जवाब की हम अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम यह भी आशा करते हैं कि डब्ल्यूएमए हमारी मांगों को समर्थन देने के लिए एक प्रस्ताव पारित करे।

पोलैंड के डाक्टरों के विरोध का समर्थन करते हुए डब्ल्यूएमए के प्रतिनिधियों ने 13 अक्टूबर को शिकागो में वार्षिक बैठक के दौरान इस विवाद पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए एक इमर्जेसी रिजोल्यूशन पास किया। इसमें पोलैंड के प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करके समाधान निकालने का आग्रह किया गया है।

डब्ल्यूएमए ने कहा है, हड़ताल पर बैठे ये चिकित्सक अपने सहकर्मियों के लिए कार्य की स्थिति में सुधार लाना चाहते हैं और लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक बेहतर वित्तीय आधार की मांग कर रहे हैं, ऐसे में इनका ध्यान रखना और इनको समर्थन देना जरूरी है।

पोलिश चेंबर ऑफ फिजिशियंस एंड डेंटिस्ट्स के मुताबिक, उन्होंने सभी मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार से कई बार अपील की, लेकिन असफल रहे, जिसके बाद हड़ताल का निर्णय लिया गया। मौजूदा स्वास्थ्य बजट लोगों की सेहत की उचित जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। न ही इससे पेशेवर चिकित्सकों की जरूरतें पूरी हो पा रही हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close