देश का संविधान साहित्य का सबसे सुंदर ग्रंथ : राम नाईक
लखनऊ, 15 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को कहा कि साहित्य के रूप में सबसे सुंदर ग्रंथ है देश का संविधान, जिसके शिल्पकार बाबा साहब अंबेडकर थे।
बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान के रूप में देश को शाश्वत ग्रंथ दिया है। (22:20)
बुद्ध अंबेडकर कल्याण एसोसिएशन द्वारा बसंत लाल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सेमिनार एवं सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर एक अच्छे वक्ता, लेखक और वकील थे। उनका संदेश था ‘शिक्षित बनो, आगे बढ़ो’। डॉ. अंबेडकर में सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। आज की युवा पीढ़ी को उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए।
नाईक ने कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद पाण्डेय को अंग-वस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने 93 वर्षीय माता प्रसाद को जन्म दिवस की बधाई देते हुए उनके शतायु होने की कामना की।
राज्यपाल ने कहा कि माता प्रसाद के शतायु होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें जरूर बुलाया जाए। इस अवसर पर साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वी.आर. अंबेडकर, एन.के. गौतम सहित अन्य को राज्यपाल ने सम्मानित भी किया।
राज्यपाल ने डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। राष्ट्रपति पद का कार्यभार पूर्ण होने के बाद भी वे जीवन र्पयत शिक्षक के रूप युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करते रहे।
नाईक ने कहा कि साहित्य बड़ा या छोटा नहीं होता, बल्कि उसमें क्या लिखा गया है वह महत्वपूर्ण होता है। लेखक की लेखनी में ताकत होती है। अच्छे साहित्य से लोगों को जागरूक कर समाज की अच्छाई को सामने लाने तथा बुराइयों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि लेखक द्वारा लिखे गए साहित्य का मूल्यांकन पाठक करते हैं। पढ़ने की आदत से व्यक्ति का विकास होता है तथा समाज भी आगे बढ़ता है।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने 7 पुस्तकों का लोकार्पण किया। नाईक ने मंच पर उपस्थित अतिथियों एवं आयोजकों को अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ तथा अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘राजभवन में राम नाईक’ की प्रति भी भेंट की।