ऋषिकेश में बिक रही मौत पर लगी लगाम, नशे के गिरोह को पुलिस ने दबोचा
देहरादून। उत्तराखंड में नशे का कारोबार एक बार अपनी जगह बना रहा है। पुलिस के अनुसार लगातार युवाओं को नशे के कारोबारी अपने जाल में फंसाते नजर आ रहे हैं। ऋषिकेश पुलिस ने नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए कमर कस ली है।
इसी संबंध में ऋषिकेश पुलिस ने एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डायथिलेमाइड) ड्रग्स बरामद करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। खबरों की मानें तो यह ड्रग्स बेहद खतरनाक है। इसका सेवन 24 घंटे तक मदहोशी हो जाता है इंसान।
पुलिस को इस गिरोह की तलाश काफी समय से थी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपी छात्र है जो आईआईटी दिल्ली की तैयारी कर रहे है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह स्पेन के व्यक्ति से नशा खरीदकर ऋषिकेश में आने वाले विदेशियों को ही महंगे दाम पर बचते थे। ये ऐसा नशा है, जिसे एक बार लेने पर इंसान 24 घंटे तक मदहोश रहता है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने गुरुवार को कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नशा सामग्री के साथ आरोपियों के पकड़े जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऋ षिकेश के नावघाट क्षेत्र में रामानुज आश्रम के पास बेंच पर बैठे तीन संदिग्ध पुलिस ने गिरफ्तार किया।
आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उनसे एलएसडी स्ट्रेप पेपर और ड्रॉप बरामद हुई। इसके बाद पुलिस तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने ले आई। आरोपियों की पहचान प्रेमचंद निवासी आदर्श, ग्राम कुम्हारबाड़ा मूल निवासी मोहल्ला कुहार गढ़ा, कनखल, हरजोत सिंह उर्फ प्रिंस निवासी सोमेश्वर लोक अपार्टमेंट और वरुण उपाध्याय निवासी मायाकुंड के रूप में हुई।
विदेशों में ज्यादा होता है इस नशे का इस्तेमाल
एसएसपी के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों से मिला नशीला पदार्थ विदेशों में काफी मात्रा में प्रयोग होता है। भारत में यह गोवा, मुम्बई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ही तस्कर बेचते हैं। जिसे लेने के बाद व्यक्ति 24 घंटे तक मदहोश रहता है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में एएसपी ऋषिकेश मंजूनाथ टीसी, इंस्पेक्टर प्रवीण कोश्यारी, एसएसआई हेमंत खंडूरी, सिपाही कमल जोशी, शशिकांत, आजाद, अतुल कुमार आदि शामिल रहे।
एसएलडी एक प्रकार कैमिकल होता है लेकिन नशे के मामले यह सबसे खतरनाक माना जाता है। दूसरे शब्दों एसिड ब्लॉटर या डॉट्स के नाम से भी जाना जाता है।
इसके स्वाद के बारे में कहा जाता है कि यह एक प्रकार से कड़वी, गंधरहित और रंगहीन दवा की तरह होती है। बाजार में रंगीन टेबलेट, पारदर्शी तरल, जिलेटिन के पतले-पतले वर्क के रूप में या सोख्ता कागज (ब्लॉटर पेपर) के रूप में मिलती है। कुल मिलाकर पुलिस ने इस नशे के गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस के अनुसार पूरे मामले की तह तक जांच की जा रही है।