त्रिपुरा : मुख्यमंत्री ने 12 किसानों की याद में स्मारक का लोकार्पण किया
अगरतला, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने 1948 के किसान आंदोलन में पुलिस द्वारा मारे गए 12 किसानों की याद में मंगलवार को पश्चिमी त्रिपुरा में एक ‘शहीद स्मारक’ और उद्यान का लोकार्पण किया। वाम मोर्चा की सरकार ने यह ‘शहीद स्मारक’ निर्मित कराया है, और अगरतला से 45 किलोमीटर दक्षिण में स्थित गोलघाटी में लगभग 26 एकड़ के एक क्षेत्र में जनजातीय सांस्कृतिक केंद्र बनवाया है।
वयोवृद्ध आदिवासी कम्युनिस्ट नेता निरंजन देबबर्मा ने कहा, गोलघाटी में नौ अक्टूबर, 1948 को अकाल और एक किसान आंदोलन के दौरान, तत्कालीन रियासतों की पुलिस ने भूख से मरने वाले आदिवासी किसानों पर गोलीबारी की, जिसमें सात की मौके पर ही मौत हो गई और 15 किसान घायल हो गए।
उन्होंने कहा, गोलघाटी नरसंहार के बाद, त्रिपुरा के खोई में सेना ने तीन संघर्षरत युवतियों को गोली मार दी। ये युवतियां राजा की ‘टिटून प्रथा’ (गुलामी या स्वतंत्र श्रमिक) के खिलाफ लड़ रही थीं।
त्रिपुरा विधानसभा के विधायक और वर्तमान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के नेता देबबर्मा ने कहा कि इन हत्याओं की खबर पहाड़ी राज्य में जंगल की आग की तरह फैल गई और सभी लोगों के बीच विशेष रूप से आदिवासियों में बड़ी पीड़ा पैदा हुई।
प्रसिद्ध लेखक और वाम नेता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि 26 एकड़ जमीन आदिवासी ग्रामीणों ने दान दिया है।
त्रिपुरा में 184 राजाओं द्वारा 517 साल के लंबे शासनकाल (1432-19 49) का अंत 15 अक्टूबर, 1949 को हुआ, उस वक्त की महारानी कंचन प्रभा देवी और भारत के गवर्नर जनरल के बीच समझौते के बाद पूर्वी रियासत का शासन भारत के नियंत्रण में आया।
उद्यान के उद्घाटन के बाद गोलघाटी में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सरकार ने कहा कि 1978 में त्रिपुरा में पहली वाम मोर्चा सरकार बनने के बाद से मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में सभी वर्गों का विकास, विशेष रूप से आदिवासियों का विकास देश में अद्वितीय है।
सरकार ने कहा, निहित स्वार्थी समूहों और राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित और भ्रमित दशकों पुराना आतंकवाद राज्य और उसके लोगों के समस्त विकास के रास्ते में बड़ी बाधा है।