राष्ट्रीय

नोटबंदी से पहले जय शाह की कंपनी बंद क्यों की गई : कांग्रेस

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने सोमवार को सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कपंनी टेंपल इंटरप्राइजेज आठ नवंबर की नोटबंदी से ठीक चार सप्ताह पहले बंद क्यों कर दी गई थी।

इसके साथ ही कांग्रेस ने मांग की कि इस कंपनी में हुई कथित अनियमितता की जांच सर्वोच्च न्यायालय के दो मौजूदा न्यायाधीशों से कराई जाए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, हमलोग इसमें कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन लोगों के सामने यह उजागर होना चाहिए कि जय शाह की कंपनी में किन सामानों का आयात-निर्यात हुआ है और किस देश से उन्होंने 51 करोड़ रुपये कमाए हैं। कैसे उनका कारोबार 16,000 गुना बढ़ गया।

शर्मा ने सवाल किया कि कारोबार 16,000 गुना बढ़ने के बाद यह कंपनी अचानक नोटबंदी के ठीक पहले बंद क्यों हो गई।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि टेंपल इंटरप्राइजेज ने वर्ष 2012-13 में 6,239 रुपये और 2013-14 में 1,724 रुपये का घाटा दिखाया था। लेकिन वर्ष 2014-15 में कंपनी ने 18,000 रुपये का लाभ दिखाया।

सिब्बल ने कहा कि वर्ष 2015-16 में कंपनी का कारोबार अचानक 80 करोड़ रुपये हो गया।

शर्मा ने कहा, यह समझ से परे की बात है कि जिस व्यक्ति में एक वर्ष में कंपनी का कारोबार 16,000 गुना बढ़ाने की क्षमता है और उसने विदेशों से 51 करोड़ रुपया हासिल कर लिया, वह अचानक कंपनी को बंद करने का निर्णय क्यों लेगा।

उन्होंने कहा कि अगर कोई दूसरी कंपनी एक वर्ष में इतना कारोबार की होती तो प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग अवश्य इसका पता लगाने की कोशिश करते कि ऐसा कैसे हुआ।

कांग्रेस ने यह भी बताने को कहा कि नवीकरणीण ऊर्जा क्षेत्र की, खासतौर से अनुभवहीन ऐसी और कितनी कंपनियां हैं, जिन्हें सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (आईआरईडीए) ने 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक का ऋण दिया है।

नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय के अधीन आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, आईआरईडीए ने जय शाह की कंपनी कुसुम फिनसर्व को 10.35 करोड़ रुपये का ऋण दिया है। यह कंपनी मध्यप्रदेश के रतलाम में 2.1 मेगावाट की पवनचक्की स्थापित करने का ठेका हासिल करने से पहले शेयर के कारोबार करती थी।

शर्मा ने कहा, फिलहाल पवनचक्की की स्थिति क्या है। क्या उस स्थान पर कोई पवनचक्की है?

शर्मा ने कहा, हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ें और इस मामले की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का एक जांच आयोग गठित करें। यदि इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई है तो इसे जनता के सामने आने दीजिए।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close