गोधरा कांड: दोषियों की सजा पर गुजरात HC का आज आएगा फैसला
नई दिल्ली। साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे को 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर आग के हवाले कर दिया गया था, जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे। इस डिब्बे में 59 लोग थे, जिसमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे ‘कार सेवक’ थे। एसआईटी की विशेष अदालत ने एक मार्च 2011 को इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था जबकि 63 को बरी कर दिया था। 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई जबकि 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
वहीं, इस मामले में एसआईटी की विशेष अदालत ने एक मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी करार दिया था। 63 लोगों को बरी कर दिया गया था। जबकि 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। बाद में हाईकोर्ट में कई अपीलें दायर कर इस फैसले को चुनौती दी गई थी। जबकि राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी किए जाने को चुनौती दी है। चुनौती देने वाली अपीलों पर गुजरात हाईकोर्ट आज (09 सितंबर) अपना फैसला सुना सकता है।
सुनवाई के दौरान विशेष अदालत ने अभियोजन की उन दलीलों को मानते हुए 31 लोगों को दोषी करार दिया था, कि घटना के पीछे साजिश थी। दोषियों को हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत कसूरवार ठहराया गया।
इस हत्याकांड की जांच के लिए गुजरात सरकार की ओर गठित नानावती आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, कि ‘साबरमती एक्सप्रेस के कोच में लगी आग कोई हादसा नहीं थी। उन्होंने इसे साजिश बताया था।