मोदी वडनगर पहुंचे, सघन टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया
वडनगर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को उनके गृहनगर वडनगर में हजारों लोगों ने शानदार स्वागत किया।
मोदी अपने स्कूल भी गए और उन्होंने ‘सघन मिशन इंद्रधनुष’ का भी शुभारंभ किया और कांग्रेस नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। साल 2014 में प्रधानंमत्री बनने के बाद मोदी पहली बार वडनगर पहुंचे। एक मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने के बाद उत्साहित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आखिरी स्वास्थ्य नीति अटल जी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी) के कार्यकाल के दौरान करीब 15 साल पहले घोषित हुई थी, उसके बाद जो सरकार सत्ता में आई, उसे लोगों के विकास से नफरत थी।
उन्होंेने कहा, उसके बाद से हम एक नई स्वास्थ्य नीति करीब 15 साल बाद लेकर आए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इसके साथ ही उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर एक व्यापक स्वास्थ्य नीति विकसित नहीं करने और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर चिंता नहीं करने का आरोप लगाया।
‘सघन मिशन इंद्रधनुष’ का लक्ष्य संपूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य में तेजी लाना है और जिन क्षेत्रों में इसकी पहुंच नहीं है, इसे वहां भी पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए शहर को झंडों और तोरण से सजाया गया था।
काले रंग के एसयूवी रेंज रोवर कार में बैठे मोदी के स्वागत के लिए सैकड़ों लोग रास्ते में खड़े थे। प्रधानमंत्री ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। लोगों ने उन पर फूल बरसाए।
मोदी ने कहा, किसी का गृहनगर में वापस आना और उसका इस तरह से शानदार स्वागत किया जाना विशेष बात है। मैं आपके आशीर्वाद के साथ वापस जाऊंगा और आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं देश के लिए और कड़ी मेहनत करूंगा।
उन्होंने मेजर जनरल के.सी. करियप्पा को उनके गृहनगर कर्नाटक में हुए शानदार स्वागत के लिए याद करते हुए कहा कि उन्हें निश्चित तौर पर लाखों सैनिकों की सलामी मिली होगी, लेकिन अपने गृहनगर के लोगों द्वारा ऐसा स्वागत किया जाना खास है।
मोदी ने कहा, मैं जो भी आज हूं, वह आपके सबके बीच वडनगर में इस मिट्टी पर सीखे गए संस्कार की वजह से हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं का उद्घाटन करने का मौका मिला, विशेष रूप से सघन मिशन इंद्रधनुष का।
उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधा सुलभ बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि वह यह जानकार हैरान रह गए कि ह्रदय के लिए स्टेंट की कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक है। उन्होंने विशेषज्ञ चिकित्सकों से इसके महंगे होने का कारण पता लगाने ेक लिए कहा और उन्हें खुशी है कि इसकी कीमत में अब 30 से लेकर 40 फीसदी तक की गिरावट आई है।
प्रधानमंत्री ने जन औषधि योजना का जिक्र किया, जिसके अंतगर्त जेनरिक दवाओं को सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टोर पर सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना शुरू किया गया है। जो दवाएं बाजार में 1,000 रुपये में मिलती थीं, वे इन स्टोर पर अब 18 से 20 रुपये में उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के लाखों चिकित्सकों से गर्भवती महिलाओं के नौवें महीने के दौरान उनका पूरी तरह से निशुल्क इलाज करने का आग्रह किया है और उन्हें इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि करीब 80-85 लाख महिलाओं को निशुल्क उपचार मिलेगा।
मोदी ने 500 करोड़ रुपये की लागत से बने जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया और कक्षा में चिकित्सा के छात्रों से संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश के मेडिकल कॉलेजों में 6,000 सीटें बढ़ाई हैं और उनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि हर तीन-चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के बीच एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जरूर हो।
मोदी ने अपने स्कूल का दौरा भी किया, जहां घुटनों पर बैठकर उन्होंने मिट्टी को माथे पर लगाया। उन्होंने हाटकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
मोदी यहां युवास्था के दौरान रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे।