खेल

सामिया ने एशियाई बैडमिंटन जूनियर चैम्पियनशिप में जीता स्वर्ण

यंगून, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| युवा सामिया फारूकी ने एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप-2017 में रविवार को यू-15 महिला एकल वर्ग में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया।

हैदराबाद निवासी सामिया ने थू वुन ना नेशनल इंडोर स्टेडियम में हुए फाइनल में इंडोनेशिया की विदजाजा स्टेफानी को 15-21, 21-17, 21-19 से हराया।

भारत ने इस चैम्पियनशिप में अब तक इससे पहले तीन कांस्य पदक जीते थे। यू-15 और यू-17 टीमों ने यह कमाल किया है।

तीसरी वरीय सामिया ने पहला गेम बैकफुट पर शुरू किया। वह यह गेम 15-21 से हार गईं लेकिन दूसरे गेम में उन्होंने आक्रामक खेल दिखाया और एक समय 11-8 से आगे हो गईं लेकिन प्वाइंट के समय मैंडेटरी ब्रेक ने उनका लय खराब कर दिया और इसी कारण वह लगातार तीन अंक गंवाने में मजबूर हुईं।

इसके बाद सामिया ने अपना लय फिर से हासिल किया और दूसरा गेम 21-17 से अपने नाम किया।

निर्णायक गेम में भारतीय खिलाड़ी ने जोरदार शुरुआत की लेकिन एक समय के बाद वह लय खोती गईं और एक समय 7-11 से पीछे हो गईं। पाले के बदलाव ने हालांकि उन्हें आत्मविश्वास दिया और उन्होंने लगातार पांच अंक हासिल करते हुए एक अंक की बढ़त बना ली।

एक समय दोनों खिलाड़ी 17-17 से बराबरी पर थीं। यहां से कोई भी बाजी मार सकता था लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने जीत हासिल करने का मन बनाते हुए कई शानदार रैलियां खेलीं और अपनी प्रतिद्वंद्वी के आत्मबल को तोड़ने का काम किया। सामिया ने न सिर्फ बढ़त हासिल की बल्कि 21-19 से गेम और मैच अपने नाम किया।

मैच के बाद सामिया ने कहा, पहले गेम में मैं घबराई हुई थी लेकिन कोच द्वारा आत्मबल मिलने के बाद मैंने खुद को संगठित किया और अपनी प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर दी। यह मैच काफी कठिन था लेकिन मैंने अपना संयम बनाए रखते हुए इसमें जीत हासिल की। मैं अपने देश के लिए सोना जीतकर काफी गर्व महसूस कर रही हूं।

भारतीय दल द्वारा जीते गए चार पदकों पर खुशी जाहिर करते हुए भारतीय बैडमिंटन संघ के महासचिव अनूप नारंग ने कहा, हमें कोच संजय और पूरे प्रतिनिधिमंडल पर गर्व है। यह शानदार प्रदर्शन है। भारतीय दल ने टूर्नामेंट में इतिहास रचा है। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय खिलाड़ी यहां से भविष्य में काफी आगे का सफर तय करेंगे।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close