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राहुल गांधी ने दिखाई भक्ति की शक्ति, 15 मिनट में चढ़ गए मंदिर की 1000 सीढि़यां

 

देहरादून से चंद्रशेखर जोशी की एक्‍सक्‍लुसिव रिपोर्ट

चोटिला (गुजरात)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में अपने तीन दिन के दौरे से दिल्‍ली लौट आए हैं। इस यात्रा में राहुल गांधी ने कई प्रसिद्ध मंदिरों में मत्‍था टेका और पूजा–पाठ की। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने राजकोट जिले में स्थित प्रसिद्ध चोटिला मंदिर में बुधवार को पूजा-अर्चना की।

राजकोट के चोटीला मंदिर जाने के लिए राहुल ने तकरीबन 1000 सीढ़ियों का सफर तय किया। वह भी महज 15 मिनट में। राहुल बिना रुके लगातार 15 मिनट तक सीढ़ियां चढ़ते रहे। इस बात के लिए यहां मंदिर के पुजारी ने भी राहुल गांधी की तारीफ की और उन्हें मंदिर की महत्ता के बारे में बताया। इसके बाद वह यहां लोगों से मुलाकात करने के बाद नीचे आ गए।

राहुल वहां से खोदियार माता के मंदिर गए और यहां पटेल समुदाय के लोगों से मुलाकात की। बता दें कि यहां पटेल समुदाय का एक गुट भाजपा के विरोध में है, जो नौकरी और आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।

इसके बाद राहुल जेतवार से कगवाड़ पहुंचे, यहां उन्होंने दासी जीवन मंदिर के दर्शन किए। साथ ही बौद्ध और दलित समुदाय के लोगों से मुलाकात की। राहुल ने बिना निर्धारित कार्यक्रम के जलराम मंदिर पहुंचकर भी दर्शन किए।

बता दे कि गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। दो दिन पहले राहुल ने सौराष्ट्र स्थित प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन कर राज्य में अभियान की शुरूआत की थी।

राज्य के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभियान के दौरान राहुल के विभिन्न मंदिरों के दर्शन के लिए जाने का उद्देश्य भाजपा के ‘‘कट्टर हिंदूवादी रुख’’ के मुकाबले में आना है।

गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ जानबूझकर पार्टी को हिन्दू-विरोधी की तरह पेश कर रहे हैं।

दोषी ने कहा कि राहुल गांधी अपने दौरे में विभिन्न मंदिरों में दर्शन के लिए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य भाजपा और संघ के कट्टर हिन्दुत्व के अभियान का मुकाबला करना है। भाजपा और संघ ने जान-बूझकर कांग्रेस को हिन्दूविरोधी की तरह पेश किया है, जो सच नहीं है। हालांकि राज्य के भाजपा प्रवक्ता राजू ध्रुव ने कहा कि राहुल गांधी की पार्टी बीते कई वर्षों से किसी राज्य में चुनाव नहीं जीत पा रही है इसीलिए उन्होंने मंदिरों और धर्मस्थलों पर जाना शुरू कर दिया है।

 

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