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सख्ती: अवैध शराब पीने से मृत्यु पर आजीवन करावास एवं मृत्यु दण्ड का कानून लागू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब अवैध शराब पीने के कारण अगर किसी की मौत होती है तो उस पर मृत्युदंड की सजा हो सकती है। राज्यपाल राम नाईक ने ‘उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017’ पर मुहर लगा दी है। ज्ञातव्य है कि अध्यादेश अवैध मदिरा के विषाक्त होने और उसके सेवन से जनहानि की घटनाओं से संबंधित हैं।

मौजूदा समय में राज्य विधान मण्डल सत्र में न होने के कारण एवं विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने मंत्रि परिषद के प्रस्ताव को विधिक परीक्षणोपरान्त अपनी स्वीकृति प्रदान की है। ‘उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017’ से संबंधित पत्रावली 26 सितम्बर, 2017 को राज्यपाल के अनुमोदन हेतु राजभवन को प्राप्त हुई थी।

यूपी आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017 के पास होने से यूपी आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन कर कुछ धाराओं के प्रावधानों को पूर्व की अपेक्षा अधिक कठोर किया गया है। अध्यादेश के माध्यम से उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम 1910 की धारा- 3, 28, 30, 50, 51, 52, 53, 54, 55, 60, 62, 63, 64क, 65, 66, 67, 68, 69, 69क, 70, 71, 72, 73क, 74 एवं 74क में संशोधन किया गया है और एक नई धारा 60-क को जोड़ा गया है।

अधिनियम में नई धारा 60- क जुडऩे से अवैध एवं मादक पदार्थ विक्रय करने अथवा उपभोग के लिए उपलब्ध करवाने से मृत्यु होने या स्थायी अपंगता होने पर आजीवन कारावास या 10 लाख रुपए का आर्थिक दंड या दोनों अथवा मृत्युदंड का प्रावधान है।

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