उत्तर प्रदेश

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में GST पर हुई वर्कशॉप, शक्ति प्रताप सिंह बोले- इससे अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

लखनऊ। लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित ‘इंटीग्रल यूनिवर्सिटी’ में शनिवार को एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में ‘समाज पर जीएसटी के पड़ने वाले प्रभावों’ पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के फाउंडर और वाइस चांसलर सैय्येद वसीम अख्तर ने जीएसटी पर अपने विचार लोगों के सामने रखे।
इंट्रीगल यूनिवर्सिटी के फाउंडर व वाईस चांसलर वसीम अख्तर ने इस चर्चा को सम्बोधित करते हुए  जीएसटी पर अपनी राय रखी व इसके साथ ही जीएसटी के तमाम  पक्षों को लेकर लोगों को जागरूक भी किया
वर्कशॉप की शुरुआत करते हुए इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के डीन व प्रोफ़ेसर एके सक्सेना ने शक्ति प्रताप सिंह (कमिश्नर ऑफ़ कमर्शियल टैक्स) को गेस्ट स्पीकर के तौर पर स्टेज पर बुलाया और जीएसटी को लेकर स्टूडेंट्स के मन में उठ रहे कई सवालों से रूबरू करवाया।
जीएसटी पर अपने विचारों की शुरुआत करते हुए शक्ति प्रताप सिंह ने सबसे पहले स्टूडेंट्स के समक्ष ‘गुड्स एवं सर्विस टैक्स’ को सरल शब्दों में परिभाषित किया । उन्होनें कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘जीएसटी के आने से देश की एकता और मजबूत होगी क्योंकि इससे देश की अर्थव्यस्था यानी  देश का बाजार एकीकृत हो जाएगा, उनकी ये बात आज सिद्ध हो रही है।
उन्होने आगे कहा, “पहले हमें एक ही चीज पर कई तरह के टैक्स देने पड़ते थे जिससे उस चीज का मूल्य सिर्फ बढ़ता नहीं, बल्कि दुगुना हो जाता था। जीएसटी लागू होने से इस खामी में सुधार होगा।” उन्होंने कहा कि इससे पहले अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता था तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते थे इससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती थी। जीएसटी लागू होने के बाद से उत्पादों की कीमत कम हुई है।
एक ओर जहां उन्होने स्टूडेंट्स के मन में जीएसटी को लेकर उठने वाले भ्रमों को दूर किया तो वहीँ दूसरी ओर कुछ बेहतरीन उदाहरण भी दिए। उन्होंने एक स्टूडेंट से कहा कि अगर आप कोई कार दिल्ली में खरीदते हैं तो उसकी कीमत अलग होती है, वहीं किसी और राज्य में उसी कार को खरीदने के लिए अलग कीमत चुकानी पड़ती है। जीएसटी लागू होने से कोई भी सामान किसी भी राज्य में एक ही रेट पर मिलेगा।
इस चर्चा में प्रोफेसर जमाल मोहम्मद आरिफ (प्रो.वाइस चांसलर), डॉ. नसीम अहमद (हेड डिपार्टमेंट ऑफ़ लॉ, इंट्रीगल यूनिवर्सिटी), डॉ सौरभ गौर और विशाल सिंह( चार्टर्ड अकाउंटेंट) भी शामिल रहे।
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