राष्ट्रीय

जनजातीय पार्टी के उपद्रव के बाद त्रिपुरा में हाई अलर्ट

अगरतला, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| एक जनजातीय पार्टी द्वारा मंगलवार से त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में सिलसिलेवार हमले किए जाने के बाद राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हमलों में एक 28 वर्षीय पत्रकार की भी मौत हो गई।

राज्य के गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंगलवार से अगरतला से 35 किलोमीटर दूर हिंसा प्रभावित मंडई समेत पश्चिमी त्रिपुरा के 10 से भी अधिक स्थानों और खोवाई जिलों में अपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने, जिनके पास गृह विभाग भी है, पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार शुक्ला को दिन-रात स्थिति की निगरानी रखने को कहा है।

पश्चिमी त्रिपुरा जिलाधिकारी मिलिंद रामटेके, खोवाई जिले के उनके समकक्ष संदीप नामदेव महात्मे, पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के.वी. श्रीजेश, पुलिस उप महानिदेशक अरिंदम नाथ और पश्चिमी जिला पुलिस प्रमुख अभिजीत सप्तर्षि विभिन्न तनावग्रस्त इलाकों में स्थिति पर नियंत्रण रख रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक, जनजातीय विपक्षी पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीटीएफ) ने देर बुधवार तक सुरक्षा बलों और घरों पर हमले किए और कुछ वाहनों में आग लगा दी, जिससे मिश्रित जाति वाले इलाकों में तनाव उत्पन्न हो गया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, पुलिस ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर मंडई और अन्य स्थानों पर एकत्र हुई भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

उन्होंने कहा, आईपीटीएफ के सदस्यों ने इस बीच एक युवा पत्रकार शांतनु भौमिक की निर्ममता से हत्या कर दी। पुलिस ने बाद में उसका शव बरामद किया और सरकारी गोविंद बल्लभ पंत मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल ले आई।

पुलिस अधिकारी श्रीजेश और नाथ इन हमलों में बाल-बाल बचे।

मंगलवार को सत्तारूढ़ माकपा की जनजातीय शाखा त्रिपुरा राज्य उपजाति गणमुक्ति परिषद (टीआरयूजीपी) के 60 से भी अधिक सदस्य अलग-अलग हमलों में घायल हो गए। कथित तौर पर ये हमले प्रतिद्वंद्वी आईपीएफटी कार्यकर्ताओं ने किए थे।

घायलों में महिलाएं और एक पुलिस अधिकारी भी शामिल है।

घायल हुए 60 लोगों में टीआरयूजीपीके गंभीर रूप से घायल 11 सदस्य शामिल हैं। उन्हें यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

टीआरयूजीपी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा, आईपीएफटी के सदस्यों ने टीआरयूजीपी के सदस्यों पर उस समय हमला किया जब वे त्रिपुरा के विभिन्न स्थनों से वाहनों में यहां पार्टी की एक रैली में शामिल होने के लिए आ रहे थे।

आईपीएफटी कार्यकर्ताओं ने कई बसों में भी आग लगा दी, जिनमें टीआरयूजीपी के सदस्य यात्रा कर रहे थे। हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ।

पुलिस उप महानिदेशक अरिंदम नाथ ने कहा कि अब तक हमलों में शामिल होने को लेकर विभिन्न स्थानों से आईपीएफटी के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

राज्य सरकार ने विभिन्न मोबाइल और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को पश्चिमी त्रिपुरा और खोवाई जिलों में अपनी सेवाएं रोकने को कहा है।

आईपीएफटी के हिंसक हमलों के विरोध में गुरुवार को सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद के कारण पश्चिमी त्रिपुरा के जिरानिया उपखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

इसी बीच सैकड़ों पत्रकारों ने गुरुवार को मृतक पत्रकार शांतनु भौमिक को जिरानिया में स्थित उनके पैतृक आवास पर अंतिम विदाई दी।

इससे पहले युवा पत्रकार के शव के साथ शहर में एक शांतिपूर्ण रैली निकाली गई।

अगरतला, कोलकाता, गुवाहाटी और नई दिल्ली में कई पत्रकार संगठनों ने हत्या की पुरजोर निंदा की है।

आईपीएफटी और त्विप्रालैंड स्टेट पार्टी त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) को एक अलग जनजातीय राज्य बनाने की मांग को लेकर 2009 से आंदोलन कर रहे हैं।

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