बिहार : नीतीश ने बीज की कमी दूर करने के निर्देश दिए
पटना 16 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बीजों की कमी को दूर करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य बीज निगम को सुदृढ़ करते हुए पुराने बीज प्रसंस्करण संयंत्रों को आधुनिक संयंत्रों से बदलने और बिहार राज्य बीज निगम द्वारा प्रसंस्कृत बीजों के गुणवत्ता को बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे किसान खुद बिहार राज्य बीज निगम के बीजों को क्रय कर सकें। इसके लिए विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाएंगी।
पटना में शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कृषि विभाग की बैठक में कृषि रोडमैप से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री ने देसरी, वैशाली में फल के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सेलेंस’ के विषय में जानकारी ली तथा नालंदा के चंडी में स्थापित सब्जी के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सेलेंस’ को उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय से संबद्ध करने के निर्देश दिए।
बैठक में कहा गया कि राज्य में सभी फसलों को मिलाकर लगभग 15 लाख क्विंटल बीज की जरूरत होती है, जबकि वर्तमान में राज्य के अंदर लगभग पांच लाख क्विंटल बीज का उत्पादन होता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आकस्मिक फसल योजना के लिए बीज बैंक की स्थापना में ऐसे भंडारण की व्यवस्था की जाए, जिसमें तापमान तथा आद्र्रता को नियंत्रित किया जा सके, जिससे बीज को दो या अधिक सालों के लिए चक्रीय माध्यम से संरक्षित किया जा सके।
बैठक में मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार डॉ़ मंगला राय ने सलाह देते हुए कहा, बीज प्रतिस्थापन दर को बढ़ाने के लिए ‘बीज वाहन विकास वाहन’ योजना बनाई जाए, जिसमें एक वाहन पर गुणवत्तायुक्त बीज, बीजोपचार रसायन तथा बीज उत्पादन से संबंधित प्रसार सामग्री से हो और वो गांव-गांव में घूमकर किसानों को बीज उपलब्ध कराए।
बैठक में निर्देश दिया गया कि बीज हब की स्थापना में मक्का बीज उत्पादन में खगड़िया जिला को भी सम्मिलित किया जाए।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने गंगा की अविरलता तथा गंगा के दोनों किनारों पर जैविक कोरिडोर निर्माण तथा उपचारित सीवर का सिंचाई जल में उपयोग के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग तथा लघु जल संसाधन विभाग आपस में समन्वय कर कार्यक्रम को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने बाजार प्रांगणों में किसानों के लिए आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने तथा किसानों को देश के विभिन्न मंडियों में कृशि उत्पादों के मंडी भाव प्रदर्शित करने के लिए कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिया।
बैठक में कृषि विभाग के अलावा कृषि रोडमैप से संबंधित जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, उद्योग एवं गन्ना उद्योग विभाग के विभिन्न योजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में कृषि मंत्री डॉ़ प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार डॉ़ मंगला राय, प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।