राष्ट्रीय

छग : 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय

रायपुर, 12 सितंबर (आईएएनएस)| छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के प्रारंभ में मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का बोनस देने की सहमति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ के खरीफ फसल 2017 के बारे में जिला कलेक्टरों से प्राप्त नजरी आंकलन के अनुसार, 27 में से 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया गया। जिन जिलों की 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित करने का निर्णय लिया गया, उनमें रायपुर जिले की चार, बलौदाबाजार जिले की छह, गरियाबंद जिले की तीन, महासमुंद जिले की पांच और धमतरी जिले की चार तहसीलें शामिल हैं।

इसी प्रकार दुर्ग जिले की तीन, बालोद जिले की चार, बेमेतरा जिले की पांच, राजनांदगांव जिले की नौ, कबीरधाम जिले की चार, कोंडागांव जिले की चार, नारायणपुर जिले की दो, कांकेर जिले की सात, दंतेवाड़ा जिले की पांच, बीजापुर की चार, बिलासपुर जिले की आठ, मुगेली की तीन, रायगढ़ की छह, जांजगीर चांपा की चार, कोरबा जिले की एक और कोरिया जिले की पांच तहसीलें शामिल हैं।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगारमूलक राहत कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे। मनरेगा के तहत नाला बंधान कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। सिंचाई नलकूपों को बाधारहित बिजली देने के लिए ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए गए। प्रत्येक परिवार को मनरेगा के तहत 100 दिन के बजाय 200 दिन का रोजगार दिलाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा।

राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6-4) के प्रावधानों के अनुसार, फसल क्षति हेतु अनुदान सहायता वास्तविक अनावारी रिपोर्ट आने पर दी जाएगी। भारत सरकार को विस्तृत मेमोरेंडम भेजा जाएगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा राशि दिलाई जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में हर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए कम से कम क्विंटल चावल सुरक्षित रखा जाएगा। सूखा प्रभावित तहसीलों में भू-राजस्व को माफ करने का निर्णय लिया गया। प्रभावित तहसीलों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

प्रभावित तहसीलों में बीज और डीजल अनुदान के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ग्रीष्मकालीन धान की खेती के लिए नलकूपों से सिंचाई पूरी तरह प्रतिबंधित की जाएगी।

खरीफ वर्ष 2016-17 में सहकारी समितियों में खरीदे गए धान पर किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देशों का प्रारूप तैयार किया है, जिसका अनुमोदन आज (मंगलवार) कैबिनेट की बैठक में किया गया।

बैठक में द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2017-18 का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन विधेयक 2017) के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

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