राष्ट्रीय

रोहिंग्या को नागरिकता प्रदान की जाए : जमात

नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) ने शनिवार को म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की आलोचना करते हुए संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि इस समुदाय के ‘संवैधानिक एवं नागरिकता के अधिकार’ बहाल करने के लिए यंगून पर दबाव डाला जाए। म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा थम नहीं रही है। सोशल मीडिया में समुदाय के खिलाफ हिंसा के कई वीडियो वायरल हैं।

जेआईएच के महासचिव मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने पत्रकारो से यहां कहा, इस समुदाय के अबतक दो लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, हम संयुक्त राष्ट्र और सभी बड़े मानवाधिकार संगठनों से म्यामांर सरकार पर दबाव डालकर रोहिंग्या समुदाय का उत्पीड़न बंद करने और उनके संवैधानिक एवं नागरिक अधिकार बहाल करने की मांग करते हैं।

मंगलवार को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि रोहिंग्या अवैध शरणार्थी हैं और उन्हें भारत से निष्कासित किया जाएगा।

मंत्री ने इससे पहले पांच सितंबर को कहा था कि इस मुद्दे पर किसी को भी भारत को उपदेश नहीं देना चाहिए, क्योंकि पूरे विश्व में भारत में सबसे ज्यादा शरणार्थी रहते हैं।

रिजिजू ने पत्रकारों से कहा था, मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहना चाहता हूं कि चाहे रोहिंग्या समुदाय के लोग संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार आयोग में शामिल हो या न हो, वे भारत में अवैध शरणार्थी हैं।

वहीं इंजीनियर ने प्रसिद्ध पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या पर कहा कि वह जाति और सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध मजबूत आवाज थीं। उनकी मौत सभी पत्रकारों के लिए एक संदेश है, जिसमें भय का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।

जेआईएच ने गौरक्षकों के आतंक को समाप्त करने के लिए सभी जिलों में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नोडल ऑफिसर के तौर पर नियुक्त करने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है।

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