राष्ट्रीय

उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय को लेकर भ्रम न पालें छात्र : नाईक

लखनऊ, 9 सितंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लोगों को भ्रम है कि वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में केवल उर्दू, अरबी-फारसी का ज्ञान दिया जाता है, जबकि यहां सभी प्रकार के विषय पढ़ाए जाते हैं। विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शनिवार को मौजूद राज्यपाल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पदक एवं उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि दीक्षांत समारोह छात्र जीवन का ऐसा क्षण है जहां एक तरफ किताबी पढ़ाई पूरी होती है, तो दूसरी ओर जीवन की नई पढ़ाई यानी भविष्य में क्या करना चाहते हैं, इसके लिए परिश्रम प्रारंभ करना होता है।

उन्होंने कहा, विश्वविद्यालय धीरे-धीरे प्रगति कर रहा है। इस वर्ष 204 लोगों को उपाधि दी गई है, जिसमें 142 छात्र और 62 छात्राएं है। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 25 स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में 17 छात्र हैं और आठ छात्राएं हैं। अन्य विश्वविद्यालयों में छात्राएं 65 प्रतिशत तक पदक प्राप्त कर रही हैं। यहां की छात्राओं को विशेष प्रयास करने होंगे।

मुख्य अतिथि प्रो. फुरकान कमर ने कहा, वैश्वीकरण के युग में पूरे विश्व को भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं। ऐसे में शिक्षा ग्रहण कर चुके युवाओं की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। देश के सामने अनेक मूलभूत चुनौतियां हैं, जैसे बढ़ती हुई आबादी, खाद्यान्न सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक शांति बनाए रखना।

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