ब्रिक्स सम्मलेन : बातचीत से ही हल होंगे सारे मुद्दे : राष्ट्रपति जिनपिंग
बीजिंग। चीन में से शुरू हुए नौंवे ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के शियामेन शहर पहुंच चुके हैं, जहां बीती रात उन्होंने वहां रह रहे इंडियन मूल के लोगों से मुलाकात की।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा मेजबान राष्ट्राध्यक्ष ने सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जुमा का भी औपचारिक स्वागत किया। बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया के हालात को देखते हुए, ब्रिक्स देशों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
शी जिनपिंग ने कहा कि राष्ट्रीय परिस्थितियों में हमारे मतभेदों के बावजूद, हमारे पांच देश विकास के मंच पर समान चरण में हैं और समान विकास की वजहें साझा करते हैं। आगे कहा कि हमें एक मत के साथ आवाज उठानी चाहिए और एक साथ वैश्विक शांति और विकास के लिए समाधान सुझाने चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिक्स सम्मेलन से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सकारात्मक संकेत देने की कोशिश की है। चीन के राष्ट्रपति का कहना है कि ब्रिक्स देशों को ‘ज्वलंत मुद्दों’ के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए।
वहीं जानकारों का मानना है कि शिखर सम्मेलन के दौरान भारत आंतकवाद का मुद्दा उठा सकता है जिसमें मोदी शांति और सुरक्षा के बनाए रखने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों को महत्वपूर्ण योगदान देने पर जोर दे सकते हैं।
क्या बोलेंगे प्रधानमंत्री मोदी ?
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब चीन की इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया कि ब्रिक्स सम्मेलन में पाक के आतंकवाद निरोधक रिकार्ड की चर्चा करना उपयुक्त नहीं होगा, उन्होंनें कहा कि वह पहले से यह अनुमान नहीं लगा सकते कि मोदी सम्मेलन के सीमित और पूर्ण सत्र के दौरान क्या बोलेंगे। लेकिन प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद पर भारत का रुख बड़ा स्पष्ट रहा है और वह विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर यह मुद्दा उठाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के चीन पहुंचते ही वहां पर ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज उठे।
क्या है ब्रिक्स ?
-ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका का एक समूह है।
-इसका गठन साल 2011 में हुआ था।
-इसमें दुनिया की 43त्न आबादी का प्रतिनिधित्व है।
-इनकी कुल जीडीपी दुनिया की जीडीपी का 23.1त्न है।
-भारत इस समिट की दो बार मेजबानी कर चुका है।
क्या है उद्देश्य ?
-ब्रिक्स का उद्देश्य आर्थिक और राजनीतिक दबदबे से पश्चिमी देशों के रुतबे को चुनौती देना है।
-ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वल्र्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।
ब्रिक्स का पुराना नाम था ब्रिक
-ब्रिक्स के बारे में सबसे पहले इनवेस्ट बैंक गोल्डमैन सैक के चेयरमैन जिम ओ नील ने 2001 में सोचा था।
-साल 2009 में यह समूह बना।
-तब इसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे।
-साल 2010 में इसमें साउथ अफ्रीका शामिल हुआ।