भूमिकाएं ठुकराने पर आप दुश्मन बन जाते हैं : विपिन शर्मा
लोनावला, 4 सितंबर (आईएएनएस)| फिल्म ‘तारे जमीन पर’ में डिस्लेक्सिक बच्चे की पिता की भूमिका निभाकर लोकप्रिय हुए अभिनेता विपिन शर्मा को ज्यादातर फिल्मों में पिता का किरदार निभाने के ही प्रस्ताव मिलते हैं, जिससे वह नाखुश हैं।
उनका कहना है कि फिल्म उद्योग में एक कलाकार के लिए सबसे बड़ा संघर्ष होता है कि वह किरदार को करने से मना नहीं कर सकता, क्योंकि ऐसा करने पर उसे दुश्मन मान लिया जाता है।
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन लोनावाला अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव (लिफ्ट)-2017 के पहले संस्करण में यहां शनिवार को शामिल हुए विपिन शर्मा ने तनुजा और कंवलजीत सिंह जसे कलाकारों के बीच मास्टर क्लास का आयोजन किया था।
फिल्म उद्योग में ‘सार्वभौमिक पिता’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने पर विपिन ने कहा, यह एक तरह से क्लीशे (किसी खास किरदार निभाने का ठप्पा लग जाना) कास्टिंग है, क्योंकि अभी भी वे मुझे पिता के रूप में कास्ट करते हैं, मुझे अभी भी ऐसे किरदार मिलते हैं और मैं इससे ऊब गया हूं।
उन्होंेने कहा, मुंबई में एक कलाकार के लिए एक और संघर्ष यह होता है कि इगर आम नहीं कहते हैं तो आप दुश्मन बन जाते हैं। यह बहुत मुश्किल होता है। मैं कोशिश करता हूं और सच में में कोशिश करता हूं। मैं इस बात को समझता हूं कि मेरी उम्र क्या है, हां मैं उस श्रेणी में बहुत अच्छे से फिट हूं, लेकिन मैं कुछ अलग भी करना चाहता हूं।
प्रतिष्ठित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के पूर्व छात्र रह चुके विपिन ने कहा कि पटकथा पढ़ने की मांग करने पर भी लोग बुरा मान जाते हैं।
इरफान खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वह उन कलाकारों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने अपनी जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष किया है।
अभिनय व कला की परिभाषा के बारे में अभिनेता ने कहा कि कई लोगों के लिए अभिनय एक्शन और ‘कट’ के बीच होता है, हालांकि उनका मानना है कि अभिनय इससे पहले होता है और फिर आप ‘कट’ बोलते हैं।
विपनि ने बताया कि एनएसडी से पास करने के बावजूद उन्हें अपने अभिनय कौशल पर भरोसा नहीं था और कनाडा जाकर एडिटर बन गए।
अभिनेता ने कहा कि एक दशक तक अभिनय से वह दूर रहे और एडिटर के तौर पर उन्होंने लघु फिल्मों और वीडियो का संपादन किया।
विपिन ने कहा कि इरफान और वह एनएसडी के दिनों से ही दोस्त रहे हैं और फिल्म ‘मकबूल’ क रिलीज के बाद उन्होंने कहा था कि भारतीय सिनेमा में चीजें बदल रही हैं, इसलिए उन्होंने (विपिन) जाकर देखा।
विपिन के एक दोस्त ने उन्हें मेइज्नर एक्टिंग क्लास के बारे में बताया, जिसका वह हिस्सा बने।
अभिनय के अलावा विपिन पटकथा भी लिखते हैं और उन्होंने ‘अक्की ते विक्की ते टिक्की’ नाम की फिल्म भी बनाई है।
लिफ्ट इंडिया फिल्मोत्सव यहां शुक्रवार को शुरू हुआ और यह पांच सितंबर तक चलेगा।