हिम्मत हो तो सामने आकर गोरखालैंड आंदोलन का नेतृत्व करें गुरंग : तमांग
दार्जिलिंग, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेतृत्व पर भ्रष्टाचार और अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकाले गए बिनय तमांग ने रविवार को जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुंग को चुनौती दी कि यदि उनमें हिम्मत हो तो वे सामने आकर आंदोलन का नेतृत्व करें।
तमांग ने यहां एक मीडियाकर्मियों से कहा, अगर गुरुं ग जी और पार्टी के महासचिव रोशन गिरि सच्चे गोरखा नेता हैं, तो मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह दार्जिलिंग में ग्राउंड जीरो पर आकर सामने से गोरखा आंदोलन का नेतृत्व करें। एक सच्चा नेता कभी भी छिपकर अपने अनुयायियों की जिंदगी को खतरे में नहीं डालता है।
पार्टी से अलग किए जाने के प्रश्न पर पूर्व सहायक महासचिव ने कहा कि न कभी उन्हें किसी प्रकार का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और न ही निकालने के बारे में कोई आधिकारिक पत्र मिला। जिसके कारण वह अपने आप को पार्टी का एक अभिन्न अंग मानते हैं।
तमांग ने आगे कहा, कानून के मुताबिक जीजेएम जैसे एक पंजीकृत राजनीतिक दल अगर किसी को निकालना चाहते हैं तो उन्हें एक कारण बताओ नोटिस और एक निष्कासन पत्र भेजना होगा। मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, जिस बैठक में मुझे पार्टी से निकालने का निर्णय लिया गया, वहां पार्टी के केवल छह नेता मौजूद थे। मैं अभी भी जीजेएम का मुख्य समन्वयक हूं और सही समय आने पर मैं केंद्रीय समिति से अपनी स्थिति पर बात करूंगा।
तमांग ने जीजेएम पर आरोप लगाया है कि उनकी हत्या करवाने के लिए जीजेएम ने नेपाल के दो शूटरों को भर्ती किया है और उनके परिवार की जान खतरे में है।
उन्होंने जीजेएम नेतृत्व पर झूठा प्रचार करने का भी आरोप लगाया है।
तमांग ने कहा, वे कह रहे हैं कि 90 दिनों के अनिश्चितकालीन बंद के बाद दार्जिलिंग में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा और छह महीनों के भीतर अलग गोरखालैंड की मांग पूरी होगी। हालांकि यह सिर्फ एक प्रचार भर है। यह कही नहीं लिखा है कि क्षेत्र में 90 दिनों के बंद के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।
दार्जिलिंग में अनिश्चित बंद, रविवार को 81 वें दिन भी जारी रहा।
तमांग ने 29 अगस्त को हुई सर्वपक्षीय बैठक में पांच सदस्यीय जीजेएम प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। दार्जिलिंग वापस आने के बाद उन्होंने यह घोषणा की कि 12 सितंबर को होने वाले सम्मेलन तक 12 दिनों के लिए यह अनिश्चितकालीन बंद खत्म कर दिया गया है।
हालांकि, जीजेएम के नेतृत्व ने इसका विरोध किया और बिनय तमांग को एक गद्दार कह कर पार्टी से निकाल दिया।