मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल, सीतारमण को रक्षा, पीयूष को रेल मंत्रालय
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल में प्रदर्शन के आधार पर फेरबदल व विस्तार किया।
इसमें निर्मला सीतारमण को रक्षामंत्री बनाया गया है। मोदी ने तीन अन्य को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नति दी और अपने कैबिनेट में नौ नए चेहरों को शामिल किया। मंत्रिमंडल में शामिल नौ नए चेहरों में से चार पूर्व नौकरशाह हैं। बिजली मंत्री पीयूष गोयल को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नति देकर रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। रेल मंत्रालय से सुरेश प्रभु को वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भेज दिया गया है। प्रभु से पहले वाणिज्य मंत्रालय का प्रभार सीतारमण के पास था। प्रभु ने उत्तर प्रदेश में हुए एक बड़े रेल हादसे के बाद इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया था। इस रेल हादसे में बीते महीने 23 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रोन्नत मंत्रियों व नए चेहरों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में हुए 35 मिनट के समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद व कुछ नए मंत्रियों के परिवार के सदस्य मौजूद थे।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रक्षामंत्री रहने के बाद सीतारमण रक्षा मंत्रालय संभालने वाली दूसरी महिला हैं। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। अभी तक वित्तमंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का प्रभार था।
अपनी नियुक्ति पर सीतारमण ने कहा कि वह बहुत अभिभूत महसूस कर रही हैं और वह इस सम्मान को शब्दों में बयां नहीं कर सकतीं।
उन्होंने कहा, पार्टी और प्रधानमंत्री बहुत ही सहयोगी रहे हैं। दक्षिण (भारत) के एक सामान्य कार्यकर्ता से पार्टी द्वारा यह पहचान मिलने से मैं अभिभूत हूं।
मंत्रिमंडल में तीन साल में तीसरी बार हुए फेरबदल में नितिन गडकरी, जिनके पास सड़क परिवहन व राजमार्ग व जहाजरानी मंत्रालय था, उन्हें जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई। इस मंत्रालय को उमा भारती से ले लिया गया। उमा को अब पेयजल व स्वच्छता विभाग दिया गया है। इससे पहले अटकलें थीं कि उमा भारती को हटाया जा सकता है।
मोदी मंत्रिमंडल के छह मंत्रियों ने फेरबदल से पहले इस्तीफा दे दिया था। इसमें कलराज मिश्रा (कैबिनेट मंत्री) राजीव प्रताप रूडी व बंडारू दत्तात्रेय (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार), फग्गन सिंह कुलस्ते, संजीव बालियान व महेंद्र नाथ पांडेय शामिल हैं।
जिन अन्य दो मंत्रियों को पदोन्नति दी गई है, उनमें पेट्रोलिय व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान को साथ में कौशल विकास व उद्यमिता का प्रभार दिया गया है। कौशल विकास व उद्यमिता विभाग राजीव प्रताप रूडी के पास था। मुख्तार अब्बास नकवी के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को बरकरार रखते हुए उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई है।
कैबिनेट में शामिल किए गए चार नौकरशाहों में से तीन को राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। इन तीन में पूर्व गृह सचिव आर.के. सिंह को बिजली एवं नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभार दिया गया है। इसका प्रभार पूर्व में पीयूष गोयल के पास था। पूर्व राजनयिक हरदीप पुरी को आवास व शहरी मामलों का प्रभार दिया गया है।
के.जे. अल्फोंस को पर्यटन व इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। पुरी व अल्फोंस सांसद नहीं हैं और उन्हें संसद में छह महीने में चुनकर आना होगा। अल्फोंस केरल भाजपा से आने वाले दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इससे पहले भाजपा के पूर्व नेता ओ. राजगोपाल को जगह मिली थी, राजगोपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय अपनी सेवाएं दी थीं।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह को मानव संसाधन विकास, जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनर्जीवन का राज्य मंत्री बनाया गया है। यह विभाग पूर्व में बालियान के पास था। बालियान व सत्यापाल सिंह दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।
मंत्रिमंडल में शामिल अन्य पांच नए राज्य मंत्रियों में -शिव प्रताप शुक्ला (वित्त), अश्विनी चौबे (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), वीरेंद्र कुमार (महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामले), अनंत कुमार हेगड़े (कौशल विकास व उद्यमिता), गजेंद्र सिंह शेखावत (कृषि व किसान कल्याण) शामिल हैं।
शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री के तौर पर आठ सालों तक सेवाएं दी हैं और उन्हें उनके ग्रामीण विकास, शिक्षा व जेल सुधार के कार्यो के लिए जाना जाता है।
वीरेंद्र कुमार छह बार से मध्य प्रदेश से लोकसभा सांसद हैं। हेगड़े उत्तर कन्नड़ से लोकसभा सांसद हैं, वह पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
शेखावत राजस्थान के जोधपुर से पहली बार सांसद बने हैं। शेखावत एक तकनीकी सेवी प्रगतिशील किसान के रूप में ग्रामीण समुदाय में देखे जाते हैं।
मोदी ने इस अवसर का इस्तेमाल कुछ मंत्रालयों में बदलाव के लिए भी किया है। राज्यवर्धन सिंह राठौर को पदोन्नति दी गई है। राठौर को युवा मामलों व खेल विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। इस मंत्रालय को विजय गोयल से लिया गया है।
विजय गोयल को बिना स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री बनाया गया है और उन्हें संसदीय मामलों व सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन का प्रभार दिया गया है।
एस.एस. अहलूवालिया को संसदीय मामलों से उमा भारती के पेयजल व स्वच्छता विभाग में स्थानांतरित किया गया है।
गिरिराज सिंह जो सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री थे, उन्हें कलराज मिश्रा के इस्तीफे के बाद मंत्रालय का पूरा प्रभार दिया गया है।
अन्य राज्य मंत्रियों में, जिन्हें स्वतंत्र प्रभार के रूप में पदोन्नति मिली है, संतोष गंगवार को वित्त से श्रम व रोजगार में स्थानांतरित किया गया है। दूसरे वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल को अब संसदीय कार्य व जल संसाधन का प्रभार दिया गया है।
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को पर्यटन व पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन के राज्य मंत्री के रूप में हर्ष वर्धन के अधीन रखा गया है। जहाजरानी राज्य मंत्री पी.राधाकृष्णन को वित्त विभाग का प्रभार दिया गया है। उन्हें राज्य परिवहन व राजमार्ग से हटा दिया गया है।
मोदी मंत्रिमंडल के रविवार को हुए फेरबदल में उसके सहयोगी दल शिवसेना व जनता दल (युनाइटेड) व नए सहयोगी एआईएडीएमके को शामिल नहीं किया गया है।
अब मोदी मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 76 हो गई है। इसमें 28 कैबिनेट, 11 स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री व 37 राज्य मंत्री शामिल हैं।