मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल, कई मंत्रियों की होगी छुट्टी तो PM कुछ को देंगे इनाम
लखनऊ। मोदी कैबिनेट में प्रस्तावित फेरबदल अब कुछ घंटों की ही बात है। केन्द्रीय मंत्री राजीव रूडी और फग्गन सिंह कुलस्ते के इस्तीफे के बाद अब यह साफ हो गया है कि आने वाले 2019 के आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करना चाहते हैं। रूडी-कुलस्ते के अलावा 5 और मंत्रियो ने इस्तीफे की पेशकश की है। साफ़ है अब मोदी काम करने वाले मंत्रियो को ही अपने कैबिनेट में जगह देंगे।
राजीव प्रताप रूडी और स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते इस्तीफा दे चुके हैं और इस लाइन में 5 मंत्री और खड़े है जिसमे उमा भारती, संजीव बाल्यान, कलराज मिश्र, महेंद्र नाथ पांडेय और गिरिराज सिंह हैं जो इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। पूरी संभावना है कि इनका भी इस्तीफा मंजूर कर लिया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि एनडीए सरकार के तीन साल पूरे कर लिये हैं। अब 2019 में लोक सभा के चुनाव होने हैं तो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उन मंत्रियों को और समय कतई देना नहीं चाहते, जिनका प्रदर्शन ठीक ठाक नहीं रहा है। पीएम मोदी ने सरकार बनने से पहले ही कौशल विकास और गंगा सफाई पर जोर दिया था जिसकी जिम्मेदारी रूडी और उमा भारती को दी गयी थी। मोदी को उनसे बड़ी उम्मीदें भी थीं। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी इन दोनों लोगों के पास न ही कोई अच्छा एजेंडा था और न ही जमीन पर कुछ होता दिखा। ऐसा नहीं है कि फिसड्डी मंत्रियो में बस ये दो ही नाम हैं। इनके अलावा मंत्रिमंडल से कई ऐसे बिना काम के मंत्री हैं जिनकी छुट्टी के संकेत हैं। वहीं साथ में पीएम मोदी अपने कई मंत्रियों का प्रमोशन भी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्रिमंडल विस्तार में ऐसे मंत्रियों का प्रमोशन भी कर सकते हैं जिन्होंने सरकार के एजेंडे पर काम किया और पीएम मोदी की उम्मीदों पर खरे उतरे। इनमे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और धमेंद्र प्रधान का नाम है। सूत्रों की मानें तो इन तीनों का मोदी कैबिनेट में और कद बढ़ सकता है। वर्तमान में जावड़ेकर के पास मानव संसाधन मंत्रालय, धमेंद्र प्रधान के पास पेट्रोलियम मंत्रालय और पीयूष गोयल के पास ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी है।
मनोहर पर्रिकर के गोवा के सीएम बनने के बाद अरुण जेलटी, वित्त मंत्रालय के साथ रक्षा मंत्रालय भी संभाल रहे हैं। वहीं हर्षवर्धन और स्मृति ईरानी के पास भी दो-दो मंत्रालय हैं।
वहीं अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि मोदी अपने मंत्रिमंडल विस्तार में सहयोगी दलों को भी जगह दे सकते हैं। जिसमे जनता दल यूनाइटेड, शिवसेना और तेलगुदेशम के एक एक मंत्री बनाए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यों का समीकरण भी देखने को मिल सकता है । मोदी के गृह राज्य गुजरात से भारती स्याल मंत्री बनाई जा सकती हैं। वहीं कर्नाटक से लिंगायत समुदाय के सुरेश अंगाड़ी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु से भी एक एक मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं हाल ही में यूपी में एतिहासिक जीत दर्ज करने पर मोदी दो सांसदों को इनाम दे सकते हैं।